कानपुर (उप्र) 14 फरवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार की महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कानपुर देहात के एक गांव में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान मां-बेटी के कथित तौर पर आत्मदाह करने के मामले में मंगलवार को जिलाधिकारी को जिम्मेदार ठहराया। शुक्ला ने दावा किया कि उन्होंने (डीएम ने) पीड़ितों की मदद करने से इनकार कर दिया था।
शुक्ला ने पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि दोषी अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटना को लेकर बहुत संवेदनशील हैं और वह जल्द ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।’
उन्होंने कहा, “ मुख्यमंत्री ने मुझे फोन कर गांव का दौरा करने और पीड़ित परिवार से मिलकर वास्तविकता का पता लगाने और फिर तथ्यों से अवगत कराने के लिए कहा हैं।”
शुक्ला ने कहा कि यह घटना बहुत दुखद है और उन्हें माँ-बेटी की जान नहीं बचा पाने का पछतावा भी हुआ, क्योंकि महिला कल्याण राज्यमंत्री रहते हुए भी वह मदद नहीं कर पाई।
घटनास्थल का दौरा करने वाली मंत्री ने कहा कि वह लगभग एक महीने पहले घटनास्थल (पीड़ितों के घर) गई थीं, जब पीड़ितों के फूस के घर को तोड़ा जा रहा था।
उन्होंने कहा, ‘मैंने जिलाधिकारी नेहा जैन से बात की, जिन्होंने मुझे व्यक्तिगत रूप से मामले को देखने और परिवार को न्याय दिलाने में मदद करने का आश्वासन दिया था।’
शुक्ला ने कहा कि डीएम ने पीड़ित परिवार की मदद करने की बजाय उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।
उन्होंने कहा कि विभागीय कार्यों में व्यस्तता की वजह से उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई कि गांव में क्या हो रहा है अन्यथा वह व्यक्तिगत रूप से मामले को देखकर समाधान करतीं।
कानपुर देहात की जिलाधिकारी नेहा जैन का सोमवार को अतिक्रमण हटाने की घटना के बाद एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में मंच पर नृत्य करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हुआ है।
गौरतलब है कि सोमवार शाम कानपुर देहात जिले के रूरा थाना इलाके के मडौली गांव में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान अधेड़ उम्र की एक महिला और उसकी बेटी ने कथित तौर पर अपनी झोपड़ी में खुद को आग लगा ली, जिससे दोनों की मौत हो गयी।
भाषा सं आनन्द जोहेब
जोहेब
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