कोच्चि, 13 मई (भाषा) पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में कांग्रेस से निष्कासित किये गए पूर्व केंद्रीय मंत्री के. वी. थॉमस ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी से निकाले जाने के बारे में उन्हें कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है और वह अब भी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) तथा केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं।
हालांकि, थॉमस के इस दावे को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने खारिज कर दिया।
थॉमस ने कहा कि उनके लिए कांग्रेस एक सोच, संस्कृति और भावना है। उन्होंने कहा कि कोई भी उनके इस दृष्टिकोण को कैसे बदल सकता है?
उन्होंने कहा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अधिक से अधिक उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटा सकता है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के. सुधाकरन ने देर रात थॉमस को पार्टी से निष्कासित किए जाने की घोषणा की थी।
इस घोषणा का मजाक उड़ाते हुए थॉमस ने कहा कि राज्य में के. वी थॉमस नाम के कई लोग हैं और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने गलती से उनका नाम समझ लिया होगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, “पार्टी से किसी को निकालने की एक व्यवस्था है। एआईसीसी को इसका निर्णय लेना होता है। मैं अब भी केपीसीसी और एआईसीसी का सदस्य हूं। यह (निष्कासन का दावा) एक मजाक है।”
बागी तेवर दिखाते हुए थॉमस ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस ने अपना महत्व और प्रभाव दोनों खो दिया है तथा कुछ नेता खुद को ही पार्टी समझ बैठे हैं।
उन्होंने कहा कि वह सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी या किसी अन्य दल में शामिल नहीं होंगे और हमेशा कांग्रेस के सदस्य रहेंगे।
इस बीच, एआईसीसी के महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने कहा कि नेतृत्व इस कदम को उठाने के बाध्य हुआ क्योंकि अनुशासनात्मक कार्रवाई किये जाने के बावजूद वह अनुशासन तोड़ रहे थे।
वेणुगोपाल ने कहा कि थॉमस को जल्द ही पता चल जाएगा कि बगैर कांग्रेस के बैनर के वह कुछ भी नहीं है।
गौरतलब है कि कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति ने थॉमस को अनुशासनहीनता के आरोपों को लेकर गत 11 अप्रैल को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था। थॉमस ने इसका जवाब भी दे दिया था।
पूर्व सांसद थॉमस पिछले दिनों पार्टी के रुख के खिलाफ जाकर राज्य में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की एक संगोष्ठी में शामिल हुए थे। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी।
भाषा यश ब्रजेन्द्र
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