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Monday, 23 September, 2024
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कांग्रेस, माकपा व निर्दलीय विधायकों ने मेवानी से मुलाकात की, समर्थन में प्रदर्शन किया

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कोकराझार (असम), 22 अप्रैल (भाषा) असम के कोकराझार जिले की एक अदालत द्वारा गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी को पुलिस हिरासत में भेजे जाने के एक दिन बाद, कई विपक्षी विधायकों ने शुक्रवार को उनके पक्ष में प्रदर्शन किया और उनसे मुलाकात की। कांग्रेस ने कोकराझार थाने के बाहर प्रदर्शन किया, जहां दलित नेता को रखा गया है ।

प्रदेश के एकमात्र माकपा विधायक भी थाने के सामने धरने पर बैठ गए जब उन्हें मेवानी से मिलने की अनुमति नहीं दी गई।

मेवानी की ‘अवैध गिरफ्तारी’ का विरोध करते हुए, कांग्रेस सदस्यों ने उनकी तत्काल रिहाई की मांग की। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी भी की।

कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक मेवानी को बुधवार रात गुजरात के पालनपुर शहर से गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत प्रधानमंत्री के खिलाफ उनके कथित ट्वीट को लेकर कोकराझार थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

प्राथमिकी के अनुसार, उन्होंने कथित तौर पर एक ट्वीट पोस्ट किया था, जिसमें दावा किया गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘गोडसे को भगवान मानते हैं।’

मेवानी को बृहस्पतिवार की सुबह गुजरात से गुवाहाटी लाया गया और फिर सड़क मार्ग से कोकराझार ले जाया गया। उन्हें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक जाकिर हुसैन सिकदर ने दावा किया कि मेवानी को गुजरात में ‘‘उनके प्रभाव को विफल करने’’ के लिए गिरफ्तार किया गया है ।

दिन में मेवानी से मुलाकात करने वाले सिकदर ने दावा किया, ‘‘भारतीय जनता पार्टी जल्दी ही गुजरात में हारेगी, और (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी की छवि को गहरा धक्का लगने वाला है मेवानी का वहां के लोगों पर बहुत प्रभाव है। ऐसा उन्हें दूर रखने के लिए किया गया है।’’

कांग्रेस के एक अन्य नेता ने कहा कि मेवानी की जमानत के लिये फिलहाल गुवाहाटी उच्च न्यायालय नहीं जायेंगे और वे इस स्तर पर किसी अन्य कानूनी साधन का सहारा लेने से पहले पुलिस रिमांड के समाप्त होने तक इंतजार करेंगे ।

असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कानूनी प्रकोष्ठ के प्रमुख मनोज भगवती के नेतृत्व में तीन वकीलों की एक टीम गुजरात विधायक की पैरवी कर रही है ।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी विधायक मनोरंजन तालुकदार पार्टी के दो अन्य नेताओं के साथ मेवानी से मुलाकात करने आए थे। उन्हें शुरूआत में गिरफ्तार विधायक से मिलने की अनुमति नहीं दी गई और इसके बाद वह थाने के सामने धरने पर बैठ गए। इस पर केवल तालुकदार को ही मेवानी से मिलने की अनुमति दी गयी।

असम के निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने भी यहां आरोप लगाया कि राज्य के मुख्यमंत्री और बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (बीटीसी) के प्रमुख की भी इस मामले में मिलीभगत है। बीटीसी का मुख्यालय कोकराझार में ही है।

गोगोई ने दावा किया, ‘‘वे अब जो कुछ भी कह रहे हैं, ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री और बीटीसी प्रमुख (प्रमोद बोरो) ने आपस में चर्चा की है और उसके बाद यह (मेवानी की गिरफ्तारी) किया है। यह भाजपा के शीर्ष नेताओं को खुश करने की कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है।’’

रायजोर दल के प्रमुख ने कहा, ‘‘यह विचित्र है कि गुजरात के एक व्यक्ति को असम पुलिस ने एक ट्वीट के लिए गिरफ्तार किया है। यह गुजरात में बारिश होने पर असम में छाता खोलने के समान है।’’

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बृहस्पतिवार को दावा किया था कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि मेवानी कौन हैं।

मेवानी ने 2017 में बनासकांठा की वडगाम (एससी) सीट से निर्दलीय विधायक के रूप में कांग्रेस के समर्थन से जीत हासिल की थी। हालांकि, वह ‘‘वैचारिक रूप से’’ कांग्रेस के साथ हैं, लेकिन वह आधिकारिक तौर पर पार्टी में शामिल नहीं हुये हैं ।

भाषा रंजन रंजन अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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