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Saturday, 16 November, 2024
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औरंगाबाद पुलिस ने ‘‘भड़काऊ’ भाषण को लेकर राज ठाकरे के खिलाफ मामला दर्ज किया

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मुंबई/ औरंगाबाद, तीन मई (भाषा) महाराष्ट्र की औरंगाबाद पुलिस ने मस्जिदों के ऊपर लगे लाउडस्पीकर पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के दो दिन पहले दिये गये ‘‘भड़काऊ’’ भाषण को लेकर मंगलवार को उनके खिलाफ मामला दर्ज किया। वहीं, महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने कहा कि इस मुद्दे पर राज ठाकरे के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इसी से संबंधित घटनाक्रम में पश्चिम महाराष्ट्र के सांगली जिले की एक अदालत ने 14 साल पुराने मामले में राज ठाकरे के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया।

इन कदमों के जरिये मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिये तीन मई की समय-सीमा देने वाले मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे को कड़ा संदेश दिया गया है। सत्तारूढ़ शिवसेना ने कहा कि राज्य ‘अल्टीमेटम’ से नहीं चलता है और यहां विधि का शासन है। उधर, मनसे के कुछ नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर उनके नेता के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाती है तो वे सड़कों पर उतरेंगे।

एक अधिकारी ने बताया कि चार मई से मस्जिदों के ऊपर लाउडस्पीकर को शांत कराने का आह्वान करने के दो दिन बाद मध्य महाराष्ट्र में मुंबई से 350 किमी से अधिक दूर स्थित औरंगाबाद में पुलिस ने मंगलवार को राज ठाकरे के खिलाफ मामला दर्ज किया।

तिरपन वर्षीय नेता के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), धारा 116, धारा 117 और महाराष्ट्र पुलिस अधिनयिम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया।

एक मई को औरंगाबाद में आयोजित रैली में मनसे प्रमुख ने लोगों से कहा था कि अगर लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए, तो चार मई से मस्जिदों के बाहर हनुमान चालीसा बजाएं।

इससे पहले दिन में महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक रजनीश सेठ ने कहा था कि मस्जिदों पर लाउडस्पीकर के संबंध में राज ठाकरे के भाषण को लेकर औरंगाबाद पुलिस आयुक्त उनके खिलाफ उपयुक्त कानूनी कार्रवाई करेंगे।

डीजपी ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, ‘‘औरंगाबाद के पुलिस आयुक्त भाषण की पड़ताल कर रहे हैं। जिस भी कानूनी कार्रवाई की जरूरत होगी, वह आज ही करेंगे।’’

अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया कि सिटी चौक पुलिस ने राज ठाकरे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 116 (जेल की सजा वाले अपराध के लिए उकसाना) और 117 (जनता या 10 से अधिक व्यक्तियों द्वारा अपराध के लिए उकसाना) तथा महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया।

सिटी चौक पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि राज ठाकरे की रैली के आयोजकों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।

गत एक मई को औरंगाबाद की रैली में राज ठाकरे ने लोगों से कहा था कि अगर मस्जिदों के ऊपर से लाउडस्पीकर नहीं हटाये गये तो वे चार मई से उनके बाहर हनुमान चालीसा बजाएं।

इस बीच पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली जिले की एक अदालत ने 14 साल पुराने एक मामले में राज ठाकरे के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है।

वर्ष 2008 में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के लिए राज ठाकरे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 109 और 117 (अपराध के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

छह अप्रैल को गैर-जमानती वारंट जारी करते हुए सांगली जिले के शिराला में न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) ने मुंबई पुलिस आयुक्त को मनसे प्रमुख को गिरफ्तार कर अदालत के सामने पेश करने का निर्देश दिया।

सहायक लोक अभियोजक ज्योति पाटिल ने बताया कि न्यायाधीश ने राज ठाकरे और एक अन्य मनसे नेता शिरीष पारकर के खिलाफ क्रमशः मुंबई पुलिस आयुक्त व खेरवाड़ी पुलिस थाने के माध्यम से वारंट जारी किया, क्योंकि वे मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में पेश होने में नाकाम रहे थे।

इससे पहले मंगलवार को, महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, डीजीपी सेठ और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मनसे प्रमुख की धमकी की पृष्ठभूमि में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की।

मस्जिदों पर लाउडस्पीकर के संबंध में मनसे प्रमुख राज ठाकरे के भाषण को लेकर उनके खिलाफ औरंगाबाद पुलिस द्वारा मामला दर्ज किये जाने के बीच पार्टी के कुछ नेताओं ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि वे अपने पार्टी प्रमुख के खिलाफ आगे और कार्रवाई होने की स्थिति में सड़कों पर उतरेंगे।

मनसे की ठाणे जिला इकाई के अध्यक्ष अविनाश जाधव ने पत्रकारों से बात करते हुए इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की आलोचना की। जाधव ने दावा किया कि वह (शिवसेना संस्थापक) बाल ठाकरे थे, जिन्होंने सबसे पहले मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग की थी, लेकिन उनके बेटे (मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे) ने राज ठाकरे के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

मनसे नेता संदीप देशपांडे ने कहा कि पार्टी को हमेशा से पता था कि राज ठाकरे पर मामला दर्ज किया जाएगा, क्योंकि रैली के लिए निर्धारित शर्तें कड़ी थीं। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं के संघर्ष को सड़कों पर देखेगी। हम मामलों से नहीं डरते। कार्रवाई हमें डराने के लिए है। हम झुकेंगे नहीं… विरोध प्रदर्शन होगा।’’

इस बीच राज ठाकरे द्वारा मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए दी गई तीन मई की समय सीमा को लेकर सत्तारूढ़ शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र ‘अल्टीमेटम’ पर नहीं चलता है और राज्य में कानून का शासन है।

शिवसेना सांसद एवं पार्टी के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने यहां पत्रकारों से कहा कि अगर कोई भड़काऊ भाषण देता है तो उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार किसी ‘अल्टीमेटम’ पर नहीं चलती। राज्य में कानून का शासन है। ऐसी अटकले हैं कि दंगा भड़काने के लिए असामाजिक तत्वों को राज्य में लाया जाएगा।’’

यह पूछे जाने पर कि राज्य में असामाजिक तत्वों को कथित रूप से लाने के पीछे कौन हैं, राउत ने कहा, “जिनके पास ताकत नहीं है, ऐसे लोग। राज्य पुलिस स्थिति से निपटने में सक्षम है। मुख्यमंत्री स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।’’

भाषा

देवेंद्र दिलीप माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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