नयी दिल्ली, चार मई (भाषा) पूर्व सैनिकों को अप्रैल का पेंशन नहीं मिलने की खबरों पर कांग्रेस ने बुधवार को सरकार से इसे तुरंत जारी करने का आग्रह किया। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सैनिकों का अपमान, देश का अपमान है।
कांग्रेस ने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ (ओआरओपी) मुद्दे का हवाला देते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है जब सशस्त्र बलों के हितों पर ‘हमला’ हुआ है।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘वन रैंक, वन पेंशन’’ के धोखे के बाद अब मोदी सरकार ‘आल रैंक, नो पेंशन’ की नीति अपना रही है। सैनिकों का अपमान देश का अपमान है। सरकार को पूर्व सैनिकों की पेंशन जल्द से जल्द देनी चाहिए।’’
कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह अपने दुष्प्रचार के लिए सशस्त्र बलों की भावनाओं का इस्तेमाल कर रही है।
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया, ‘‘भाजपा का नकली राष्ट्रवाद का एजेंडा स्पष्ट है – दुष्प्रचार के लिए हमारे सशस्त्र बलों की भावनाओं का उपयोग करें और एक बार राजनीतिक उद्देश्य पूरा होने के बाद, उनके बारे में भूल जाओ। भूतपूर्व सैनिकों और महिलाओं के लिए अप्रैल के पेंशन में देरी इस रवैये का सबूत है। सेना विरोधी भाजपा।’’
कांग्रेस ने कहा, ‘‘भाजपा सरकार हमारे देश में बेलगाम महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं कर रही है, यह कोई रहस्य नहीं है। लेकिन अब, वे पेंशन में देरी करके हमारे सशस्त्र बलों को भी इससे पीड़ित होने दे रहे हैं। सेना विरोधी भाजपा।’’
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पूर्व सैन्य अधिकारियों से हस्तक्षेप करने और पूर्व सैनिकों को न्याय सुनिश्चित करने का आग्रह किया और कहा कि इस सरकार द्वारा ‘‘यह सशस्त्र बलों के हितों पर पहला हमला नहीं है और न ही यह आखिरी है।’’
उन्होंने कई ट्वीट करके कहा, ‘‘कृपया ध्यान दें- उच्चतम न्यायालय में इसका विरोध करने सहित ओआरओपी से इनकार। विकलांगता पेंशन पर कर लगाना। ईसीएचएस बजट में कटौती। गैर-कार्यात्मक उन्नयन से इनकार। शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारियों को सैन्य अस्पतालों में इलाज से इनकार करना। सातवें वेतन आयोग में अन्याय- नागरिकों को समान वेतन स्तर और जोखिम भत्ते से इनकार। पूर्व सैनिकों के पुनर्वास के लिए पेट्रोल पंपों या गैस एजेंसियों या कोल इंडिया अनुबंधों के आवंटन से इनकार करना। सीएसडी कैंटीन में वस्तुओं की खरीद पर अंकुश और जीएसटी लगाना।’’
सुरजेवाला ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल वेद मलिक और लेफ्टिनेंट जनरल एच एस पनाग को टैग करते हुए कहा, ‘‘आप जैसे सम्मानित अधिकारी और अन्य पूर्व सैनिकों से हमारे भूतपूर्व सैनिकों के मुद्दे को बिना किसी दल का पक्ष लिये उठाने और न्याय सुनिश्चित कराने का आग्रह है।’’
पूर्व सेना प्रमुख जनरल वेद मलिक ने कहा, ‘‘यह गंभीर है’’, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डी एस हुड्डा ने ट्वीट किया, ‘‘भूतपूर्व सैनिक बिना किसी स्पष्टीकरण के पेंशन रोके जाने की शिकायत कर रहे हैं। अधिकांश के लिए, यह आय का एकमात्र स्रोत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्या हम यह कह रहे हैं ‘‘राष्ट्र के लिए आपकी सेवा के लिए धन्यवाद’? (रक्षा मंत्री) राजनाथ सिंह से हस्तक्षेप करने का अनुरोध है।’’
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 58,275 रक्षा पेंशनभोगियों को पेंशन के वितरण में इस महीने देरी हुई क्योंकि उनके बैंक 30 अप्रैल तक उनकी पहचान की पुष्टि नहीं कर सके। इसने कहा कि कठिनाई से बचने के लिए इन 58,275 पेंशनभोगियों को 25 मई तक अपनी पहचान कराने के लिए एकमुश्त विशेष छूट दी गई है।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि अप्रैल के लिए उनकी पेंशन बुधवार के अंत तक जारी कर दी जाएगी। मंत्रालय का यह बयान मीडिया में मामले के सामने आने के बाद आया है।
भाषा अमित उमा
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