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उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में हरित आवरण बढ़ाने के लिए दो योजनाएं शुरू की

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लखनऊ, 19 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में हरियाली बढ़ाने, भूजल स्तर में सुधार लाने और विरासत के प्रति गौरव की भावना पैदा करने के प्रयास में उपवन और हेरिटेज वन योजना शुरू की है।

उपवन योजना के तहत राज्य सरकार शहरों से लेकर गांवों तक पार्क, सड़कों के किनारे और अन्य स्थानों पर रोपण के लिए पौधे उपलब्ध करा रही है। राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार इस योजना का उद्देश्य हरियाली बढ़ाना है, जिससे अंततः भूजल स्तर में सुधार, बेहतर पर्यावरण और जलवायु प्रभाव में कमी जैसे लाभ होंगे।

राज्य सरकार ने उपवन योजना के लिए 70 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट आवंटित किया है।

राज्य की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के प्रयास में सरकार ने ‘हेरिटेज ट्री अडॉप्शन स्कीम’ के माध्यम से 948 विरासत वृक्षों का पोषण करेगी। सौ साल से अधिक पुराने पेड़ों की 28 प्रजातियों को ‘विरासत वृक्ष’ के रूप में नामित किया गया है।

ये वृक्ष प्रदेश के सभी 12 जिलों में हैं। वाराणसी में सर्वाधिक 99, प्रयागराज में 53, हरदोई में 37, गाजीपुर में 35 तथा उन्नाव में 34 विरासत वृक्ष हैं। सरकार विलुप्तप्राय वृक्ष प्रजातियों तथा पौराणिक, ऐतिहासिक घटनाओं, विशिष्ट व्यक्तियों, स्मारकों, धार्मिक परम्पराओं एवं मान्यताओं से जुड़े वृक्षों का संरक्षण कर आम जनता में जागरूकता बढ़ा रही है। विरासत वृक्ष श्रेणी में आध्यात्मिक एवं स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े वृक्ष शामिल हैं।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के गृह नगर गोरखपुर में 19 वृक्षों को विरासत वृक्ष घोषित किया गया है।

‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जन अभियान-2024’ के तहत उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में विरासत वृक्ष वाटिका नाम से स्थापित की जाएगी, ताकि राज्य के निवासियों के बीच चिन्हित विरासत वृक्षों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके।

ये उद्यान गोरखपुर, अयोध्या, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, बरेली, मथुरा, सीतापुर, चित्रकूट और मिर्जापुर में बनाए जाएंगे। प्रत्येक उद्यान में एक विरासत वृक्ष से विकसित एक पौधा, टहनी या शाखा अनिवार्य रूप से लगाई जाएगी। शेष पौधे स्थानीय महत्व की प्रजातियां होंगी। इस पहल के लिए करीब आठ हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी।

यूपी वन निगम के प्रबंध निदेशक (एमडी) सुनील चौधरी ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘‘विरासत के पेड़ हमारे प्राचीन पेड़ हैं, जो करीब 100 साल पुराने हैं। हमारे प्राचीन जिलों में इन पेड़ों को बचाने और बढ़ावा देने के लिए बदलाव किए गए हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य इन पेड़ों को बचाना और उनका प्रचार-प्रसार करना है। हमने ऐसे 948 पेड़ों की पहचान की है।’’

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना के बारे में ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘पूरे राज्य में अलग-अलग किस्म के पेड़ हैं, जिनसे तैयार पौधे गांवों, पंचायतों से लेकर नगर पालिकाओं के पार्कों और सड़कों के किनारे बड़े पैमाने पर लगाए जाएंगे।’

योगी ने कहा, ‘‘राज्य में लगभग 55 लाख के आसपास सहजन के पौधे भी हैं ऐसे ही अन्य पौधे भी अलग-अलग किस्म के हम लोग पूरे प्रदेश के अंदर लगाएंगे। हर ग्राम पंचायत से लेकर नगर निकाय, पार्क, सड़क के किनारे से लेकर खाली जगह पर व्यापक पैमाने पर यह अभियान चलेगा।’’

भाषा आनन्द आशीष

आशीष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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