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Sunday, 22 September, 2024
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अमेरिकी नागरिकों से ऑनलाइन ठगी का मामला: एफबीआई का दल इंदौर पहुंचा

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इंदौर, 22 अप्रैल (भाषा) कॉल सेंटर की आड़ में अमेरिकी नागरिकों को ऑनलाइन चूना लगाने के मामलों में कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) का तीन सदस्यीय दल शुक्रवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में सक्रिय नजर आया। पुलिस के एक आला अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि एफबीआई के दल ने शहर के पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा से उनके कार्यालय में मुलाकात की।

मुलाकात के बाद मिश्रा ने संवाददाताओं को बताया कि इंदौर पुलिस ने शहर में कॉल सेंटर की आड़ में अमेरिकी नागरिकों से ऑनलाइन ठगी के मामलों का किसी अमेरिकी नागरिक की शिकायत के बगैर अपने स्तर पर खुलासा किया था और इन्हीं मामलों के सिलसिले में एफबीआई का दल इंदौर आया है।

पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कुछ कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने इंदौर आए एफबीआई के दल में शामिल अधिकारी अमेरिकी दूतावास में ‘कानूनी अताशे’ कहे जाने वाले दफ्तर में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिकी नागरिकों से ऑनलाइन ठगी के मामलों के अलग-अलग पहलुओं पर इंदौर पुलिस और एफबीआई दल के बीच जानकारी का आदान-प्रदान हुआ।

अधिकारी ने कहा कि इन मामलों की जांच कर रही इंदौर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ ‘पुख्ता सबूत’ जुटाए हैं।

इंदौर पुलिस के जांचकर्ताओं ने बताया कि शहर में विभिन्न कॉल सेंटर की आड़ में चलाए जा रहे तीन अलग-अलग साइबर अपराध गिरोहों का वर्ष 2018, 2019 तथा 2020 में खुलासा किया गया था तथा गिरोह के सदस्य फोन कॉल के दौरान अमेरिकी नागरिकों, खासकर बुजुर्गों के सामाजिक सुरक्षा नंबर (एसएसएन) को खतरे में बताकर उन्हें ठगते थे।

उन्होंने कहा कि तीनों गिरोहों के कुल 120 से ज्यादा सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था और इनमें ज्यादातर युवा टेलीकॉलर शामिल थे जो अमेरिकी लहजे की अंग्रेजी बोलने में महारत रखते हैं।

स्थानीय जांचकर्ताओं ने बताया कि ये टेलीकॉलर फोन पर खुद को अमेरिकी पुलिस अधिकारी या सतर्कता विभाग का अधिकारी बताते थे और अमेरिकी नागरिकों को यह कहकर धमकाते थे कि उनके सामाजिक सुरक्षा नंबर का उपयोग धनशोधन, बैंकिंग धोखाधड़ी तथा मादक पदार्थों की तस्करी जैसी अवैध गतिविधियों में किया गया है तथा तय रकम ऑनलाइन माध्यम से तुरंत न चुकाए जाने पर उन्हें बड़े कानूनी पचड़े में फंसना पड़ सकता है।

भाषा हर्ष नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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