पोर्ट ब्लेयर, 14 नवंबर (भाषा) इक्कीस साल की एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के सिलसिले में गिरफ्तार किये गये अंडमान एवं निकोबार के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण को सोमवार को 28 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
इस मामले में पीड़ित महिला ने नारायण और अन्य लोगों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार को लेकर प्राथमिकी दर्ज करायी है ।
इसी मामले में हरियाणा से गिरफ्तार किये गये एक कारोबारी को ‘ट्रांजिट रिमांड’ पर सोमवार को पोर्ट ब्लेयर लाया गया। पुलिस ने बताया कि पोर्ट ब्लेयर के इस कारोबारी पर एक लाख रुपये का इनाम था ।
पुलिस ने बताया कि नारायण को दस नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद से वह पुलिस हिरासत में थे। नारायण को जिला एवं सत्र अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया ।
एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने इस मामले में नारायण से तीन बार पूछताछ की थी।
इन आरोपों की जांच के लिए पुलिस के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था कि अंडमान एवं निकोबार में 21 साल की एक महिला को सरकारी नौकरी का वादा कर मुख्य सचिव के घर ले जाया गया था और वहां नारायण समेत शीर्ष अधिकारियों ने उसके साथ बलात्कार किया था।
अधिकारी ने बताया कि सामूहिक बलात्कार मामले में फरार संदीप सिंह उर्फ रिंकू को पुलिस ने रविवार की रात हरियाणा से गिरफ्तार किया।
अधिकारी ने बताया, ‘‘पुलिस को संदीप के हरियाणा में होने के बारे में उसके बैंक लेन-देन के माध्यम से जानकारी मिली। अंडमान एवं निकोबार पुलिस ने हरियाणा और दिल्ली की पुलिस को सतर्क किया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सोमवार को उसे ट्रांजिट रिमांड पर यहां लाया गया। उससे पूछताछ से पहले उसे चिकित्सा जांच के लिये जी बी पंत अस्पताल ले जाया गया।’’
पुलिस ने हालांकि, हरियाणा में उस जगह की जानकारी नहीं दी, जहां से आरोपी को पकड़ा गया।
अंडमान निकोबार पुलिस ने 21 साल की एक महिला के साथ बलात्कार के मामले में दो नवंबर को संदीप सिंह उर्फ रिंकू तथा निलंबित श्रम आयुक्त आर. एल. ऋषि पर एक-एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी ।
अधिकारी ने बताया कि इस मामले में अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें नारायण और सिंह शामिल हैं । हालांकि, ऋषि को अब तक नहीं गिरफ्तार किया जा सका है।
ऋषि के खिलाफ महिला के साथ बलात्कार करने का आरोप है, जबकि कारोबारी रिंकू पर इस अपराध में ‘साथ देने’ का आरोप है ।
यह प्राथमिकी एक अक्टूबर को दर्ज की गयी थी, जब नारायण दिल्ली वित्त निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के पद पर तैनात थे।
सरकार ने 17 अक्टूबर को नारायण को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था।
महिला ने प्राथमिकी में दावा किया है कि उसके पिता और उसकी सौतेली मां उसकी आर्थिक जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रही थी, इसलिये उसे एक नौकरी की जरूरत थी और कुछ लोगों ने उसका परिचय श्रम आयुक्त से कराया, क्योंकि वह तत्कालीन मुख्य सचिव के करीबी थे ।
उसने यह भी दावा किया कि मुख्य सचिव ने विभिन्न विभागों में केवल सिफारिश के आधार पर और बिना किसी औपचारिक साक्षात्कार के 7800 उम्मीदवारों की नियुक्ति की है ।
महिला ने कहा कि उसे सरकारी नौकरी दिलाये जाने का झांसा देकर मुख्य सचिव के घर पर ले जाया गया, जहां 14 अप्रैल और एक मई को उसके साथ बलात्कार किया गया ।
भाषा रंजन रंजन दिलीप
दिलीप
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