जम्मू, 21 जनवरी (भाषा) ‘यूथ 4 पनुन कश्मीर’ (वाई4पीके) ने मंगलवार को घाटी में कश्मीरी हिंदुओं के स्थायी पुनर्वास के लिए एक अलग केंद्र शासित प्रदेश के निर्माण की मांग करने वाले मार्गदर्शन प्रस्ताव के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि यह उनकी विरासत के संरक्षण और समुदाय के लिए सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने का एक प्रारूप है।
संगठन ने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू स्थित जगती प्रवासी शिविर (विस्थापित कश्मीरी पंडितों का सबसे बड़ा निवास स्थान) वर्ष 2025 में सभी प्रमुख सामुदायिक कार्यक्रमों का केंद्र होगा, जो समुदाय की एकता का प्रतीक होगा।
वाई4पीके के शीर्ष निकाय के सदस्य राहुल कौल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जगती घोषणापत्र 1991 के मार्गदर्शन प्रस्ताव के प्रति एक नई प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह हमारी विरासत के संरक्षण और हमारे समुदाय के लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए एक प्रारूप की रूपरेखा तैयार करता है।’’
वाई4पीके ने जगती घोषणापत्र-2025 का अनावरण किया, जो कश्मीरी पंडितों के लिए न्याय, सांस्कृतिक संरक्षण और मातृभूमि में वापसी के लिए संघर्ष को फिर से शुरू करने की एक ऐतिहासिक पहल है। उन्होंने 19 जनवरी को ‘जगती टाउनशिप’ में समुदाय का विस्थापन दिवस मनाया।
कौल ने कहा, ‘‘विस्थापन के 35 साल बाद संबंधित सरकारों द्वारा कुछ भी नहीं किया गया है। हम मार्गदर्शन प्रस्ताव का कार्यान्वयन चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘तीसरा अंतरराष्ट्रीय कश्मीरी हिंदू युवा सम्मेलन जगती में होने वाला है। यह वैश्विक कार्यक्रम पनुन कश्मीर आंदोलन की रणनीति बनाने और उसे मजबूत करने के लिए युवा कश्मीरी हिंदुओं को एक साथ लाएगा।’’
वाई4पीके के महासचिव दिगंबर रैना ने जगती कार्यक्रम के प्रति ‘जबरदस्त’ उत्साह दिखाने के लिए समुदाय के सदस्यों का आभार व्यक्त किया।
भाषा संतोष नरेश
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