बिहार: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को बिहार की नीतीश कुमार-नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “बिहार के युवा छठ पर घर लौटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकि गुजरात में एक लाख करोड़ रुपये की बुलेट ट्रेन बनाई जा रही है.”
प्रशांत किशोर ने कहा, “यह जन सुराज की जन्मभूमि है, जहां साढ़े तीन साल पहले इस आंदोलन की शुरुआत हुई थी. हमने संकल्प लिया था कि हम बिहार के लोगों की राजनीतिक गुलामी खत्म करेंगे, जहां लोग कभी लालू के डर से भाजपा को वोट देते हैं और कभी भाजपा के डर से लालू को. आने वाले 10-15 दिनों में जनता को यह तय करना है कि वे इस व्यवस्था को जारी रखना चाहते हैं या बदलाव लाना चाहते हैं. गुजरात में एक लाख करोड़ की बुलेट ट्रेन बन रही है, जबकि बिहार के युवाओं को छठ पर घर आने के लिए ट्रेन में सीट तक नहीं मिल रही.”
उन्होंने यह बात मीडिया से बातचीत के दौरान कही. इससे पहले दिन में जन सुराज पार्टी को एक नया सहयोगी मिला. गोपालगंज से निर्दलीय उम्मीदवार अनूप कुमार श्रीवास्तव ने प्रशांत किशोर की मौजूदगी में पार्टी का दामन थाम लिया.
यह कदम तब आया जब जन सुराज के उम्मीदवार शशि शेखर सिन्हा ने गोपालगंज विधानसभा सीट से अपना नामांकन वापस ले लिया. सिन्हा के हटने के बाद पार्टी ने श्रीवास्तव को अपना समर्थन देने का फैसला लिया है.
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों में एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर है. एनडीए में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनता दल (यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं.
वहीं, महागठबंधन का नेतृत्व राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कर रहा है, जिसमें कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीएम), भाकपा (माले) और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल हैं.
बिहार में दो चरणों में मतदान होगा — 6 नवंबर और 11 नवंबर को, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी.
