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गुरूवार, 29 मई, 2025
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महाराष्ट्र में युवा नीति की समीक्षा के लिए गठित समिति में युवा विधायक ही नदारद: सुले

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मुंबई, 29 मई (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार ने राज्य की युवा नीति की समीक्षा के लिए गठित नई समिति में युवा विधायकों, विपक्षी सदस्यों और महिला प्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया है।

सुले ने सरकार द्वारा नियुक्त समितियों में विविध समूहों को प्रतिनिधित्व देने की महाराष्ट्र की परंपरा को रेखांकित करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘‘ दुर्भाग्य से, इस समिति की संरचना उस समावेशी परंपरा से भटकती हुई प्रतीत होती है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘यह आश्चर्यजनक है कि राज्य की युवा नीति की समीक्षा के लिए घोषित समिति में एक भी युवा विधायक को शामिल नहीं किया गया है। ऐसा नहीं है कि विधानसभा में कोई युवा विधायक नहीं है। केवल सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को ही शामिल किया गया है, और एक भी महिला प्रतिनिधि का नाम शामिल नहीं है।’’

सुले ने महाराष्ट्र में युवा नीति को आगे बढ़ाने के अपने प्रयासों को याद किया। राकांपा (एसपी) सांसद ने कहा कि उन्होंने 2008 से 2011 तक जन जागरूकता अभियान चलाए, जिसके परिणामस्वरूप अंततः 2012 में राज्य की पहली युवा नीति तैयार हुई।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हालांकि, 2014 के बाद से लगातार सरकारों ने इस नीति की उपेक्षा की है।’’

उन्होंने रेखांकित किया कि 2012 की नीति का मसौदा तैयार करने वाली समिति में देवेंद्र फडणवीस भी शामिल थे, जो उस समय युवा विधायक थे और अब राज्य के मुख्यमंत्री हैं।

सुले ने कहा, ‘‘मैं मुख्यमंत्री को याद दिलाना चाहूंगी कि 2012 में आपको युवा नीति समिति में प्राथमिकता दी गई थी और आपने इसकी एक उप-समिति की अध्यक्षता भी की थी, जिसमें आपने बहुमूल्य योगदान दिया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज आपके नेतृत्व में युवा विधायकों को मौका नहीं दिया जा रहा है।’’

भाषा धीरज मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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