लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार गुरुवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के 2012 के चुनावी वादे को ही कुछ आगे बढ़ाती नजर आई. मुफ्त लैपटॉप बांटने की योजना की तर्ज पर ही योगी सरकार ने राज्य में स्नातक, स्नातकोत्तर और तकनीकी अध्ययन और डिप्लोमा कोर्स करने वाले एक करोड़ युवाओं के बीच टैबलेट और स्मार्टफोन बांटने के लिए 3,000 करोड़ रुपये की योजना की घोषणा की है.
राज्य में आसन्न विधानसभा चुनाव से कुछ ही महीनों पहले इस योजना की घोषणा मुख्यमंत्री ने विधानसभा में अनुपूरक बजट, जिसमें सरकार बजट में निर्धारित कुल परिव्यय के अलावा होने वाले अतिरिक्त खर्च की मांग करती है, पर अपने भाषण के दौरान की.
2012 के विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान सपा ने राज्य में 12वीं कक्षा के छात्रों को मुफ्त लैपटॉप वितरित करने की योजना की घोषणा की थी. बाद में पार्टी ने चुनाव जीता और लैपटॉप बांटने के वादे को इस जीत के पीछे एक अहम फैक्टर माना गया.
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा, ‘3,000 करोड़ रुपये की इस योजना के तहत पढ़ाई के लिए टैबलेट या स्मार्टफोन प्रदान करने के लिए एक करोड़ छात्रों को चुना जाएगा. हम प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को अधिकतम तीन ऐसी परीक्षाओं के लिए ‘प्रिपरेटरी एलाउंस’ भी देंगे.’ योजना का ब्योरा बाद में उपलब्ध कराया जाएगा.
‘युवाओं पर विशेष ध्यान’
उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को 2021-22 के लिए 7301.52 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया.
यूपी सरकार के एक सूत्र ने कहा कि टैबलेट/स्मार्टफोन योजना ‘सपा की लैपटॉप बांटने की पहल पर चुनाव से पहले भाजपा का जवाब है.’
यह भी पढ़ें : अगले साल UP में चुनाव लड़ना चाहता है बिहार NDA का यह सहयोगी, लेकिन BJP ने रख दी है एक अहम शर्त
सूत्र ने आगे कहा, ‘यह पहली और दूसरी बार मतदान करने वाले युवाओं को लुभाने में भाजपा की मदद करेगा. अखिलेश सरकार की लैपटॉप योजना ने उनके शासन के दौरान काफी ध्यान आकृष्ट किया था. अब, सरकार चुनाव से पहले छात्रों का समर्थन खोना नहीं चाहती. पूरे अनुपूरक बजट में मुख्य रूप से युवाओं, सरकारी कर्मचारियों और किसानों पर ध्यान केंद्रित किया गया था.’
वहीं, सपा ने कहा कि यह पहल भाजपा का एक और ‘झूठा वादा’ है.
सपा प्रवक्ता राजीव राय ने कहा, ‘भाजपा सरकार ने 2017 के विधानसभा चुनावों के लिए जारी अपने घोषणापत्र के वादों को अब तक पूरा नहीं किया है और फिर वह घोषणाएं कर रही है. मैं तो यही कहूंगा, ‘यह घोषणा बाबू की फर्जी घोषणा है.
उन्होंने कहा कि युवा भाजपा से नाराज हैं. उन्होंने कहा, ‘वे 2022 के विधानसभा चुनावों में उनसे बदला ले लेंगे.’
किसानों को भी लुभाने की कोशिश
योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण के दौरान सरकारी कर्मचारियों और किसानों को लुभाने की कोशिश की. उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार ने जुलाई 2021 से सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाकर 28 प्रतिशत (केंद्र के फैसले के अनुरूप) कर दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/आंगनवाड़ी सहायिकाओं का मानदेय भी बढ़ाएगी. साथ ही जोड़ा कि पिछले चार वर्षों में गन्ना बकाया के तौर पर किसानों को 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है.
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने महामारी के दौरान 15 करोड़ से अधिक परिवारों को मुफ्त राशन बांटा है.
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)