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Friday, 27 December, 2024
होमदेशUP में संस्कृत में भी प्रेस नोट जारी करने की शुरुआत, Covid-19 पर समीक्षा बैठक की दी गई जानकारी

UP में संस्कृत में भी प्रेस नोट जारी करने की शुरुआत, Covid-19 पर समीक्षा बैठक की दी गई जानकारी

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से एक ट्वीट करके बताया गया कि मुख्यमंत्री योगी के निर्देशानुसार शासकीय प्रेस विज्ञप्तियां अब संस्कृत भाषा में भी निर्गत की जाएंगी. योगी की स्पीच भी संस्कृत में जारी होगी.

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लखनऊ: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद राज्य के सूचना विभाग ने रविवार से संस्कृत में भी प्रेस नोट जारी करने की शुरुआत कर दी है. सूचना विभाग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक केवल प्रेस नोट ही नहीं, सीएम योगी की स्पीच भी अब संस्कृत में जारी की जाएगी.

यूपी के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से रविवार को एक ट्वीट करके बताया गया कि मुख्यमंत्री योगी के निर्देशानुसार शासकीय प्रेस विज्ञप्तियां अब संस्कृत भाषा में भी निर्गत की जाएंगी. मुख्यमंत्री द्वारा कोविड-19 के मद्देनजर प्रतिदिन की जा रही समीक्षा बैठक की संस्कृत भाषा में भी प्रेस विज्ञप्ति ट्वीट के साथ अटैच की गई.

सूचना विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक हिंदी, अंग्रेजी व उर्दू भाषा में विभाग से प्रेस नोट जारी किए जाते थे लेकिन अब संस्कृत में भी जारी किए जाएंगे. विभाग के दो अधिकारियों को इसकी माॅनिटरिंग का जिम्मा दिया गया है. पिछले साल ही संस्कृत में प्रेस नोट जारी करने की तैयारी कर ली थी लेकिन किन्हीं कारणों से ये संभव नहीं हो पाया. अब लगातार ये प्रॉसेस अपनाया जाएगा.

हालांकि जब दिप्रिंट ने यूपी के सूचना निदेशक शिशिर सिंह से इससे जुड़ी जानकारियां जानने के लिए संपर्क किया तो उनका कोई जवाब नहीं आया. अगर वह जवाब देते हैं तो स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.

योगी का संस्कृत प्रेम

संस्कृत भाषा को लेकर योगी आदित्यनाथ का प्रेम किसी से छिपा नहीं है. वह कई बार कार्यक्रमों में इस पर बोल चुके हैं. फरवरी में उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था, ‘संस्कृत पढ़ने वाला व्यक्ति कभी भूख से नहीं मर सकता, क्योंकि भारत के ऋषियों ने बहुत पहले ही इस भाषा को रोजगार से जोड़ दिया था. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भाषा को बोझ समझने की बजाय इसे स्वावलंबन का माध्यम बनाया जाना चाहिए. संस्कृत का जानकार व्यक्ति जब पुरोहित का कार्य करता है तो लोग उसे दक्षिणा भी देते हैं और पैर भी छूते हैं. इससे बड़ा सम्मान नहीं हो सकता.’

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