लखनऊ: कोरोनावायरस के बढ़ते मामले देखते हुए यूपी सरकार ने राज्य की जेलों में बंद 11 हजार कैदियों को रिहाई देने का फैसला लिया है. ये निर्णय सुप्रीम कोर्ट के 23 मार्च के उस आदेश को ध्यान में रखते हुए लिया गया है जिसमें राज्य सरकारों को प्रदेश की जेलों से भीड़ कम करने के सुझाव दिए गए थे.
8 हफ्ते के लिए मिलेगी जमानत
यूपी सरकार के मुताबिक, जो 11 हजार कैदी रिहा होंगे उनमें 8500 विचाराधीन कैदी और 2500 ऐसे कैदी शामिल हैं जिन पर दोष साबित हो चुका है. वहीं सरकार की ओर से ये भी बताया गया कि रिहाई उनकी होगी जिन पर 7 साल या उससे कम की सजा के मामले चल रहे हैं या ऐसे मामलों में उन्हें सजा हो चुकी है. इन कैदियों को 8 हफ्ते के लिए निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत या पैरोल दी गई है. पैरोल सामान्य प्रक्रिया के तहत दिया जाएगा तो वहीं जमानत के लिए जिला जज संबंधित जेलों में जाकर यह बेल देंगे.
यूपी सरकार की ओर से पिछली 27 मार्च को हाईकोर्ट के जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई थी जिसकी बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और डीजी जेल आनंद कुमार भी शामिल थे. दि प्रिंट से बातचीत में आनंद ने बताया, ‘कोर्ट के सभी सुझावों पर विचार करने के बाद ये फैसला लिया गया है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘ कैदियों की रिहाई के वक्त सारे ऐहतियात भी बरते जाएंगे.’
आनंद के मुताबिक कोरोनावायरस से जुड़ी खबरें आने के बाद से ही जेल में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. जेलों के सैनेटाइज किया जा रहा है. लाॅकडाउन के बाद कैदियों और बंदियों से उनके परिजनों से मुलाकात का सिलसिला बंद हो गया था तो उनकी फोन के जरिए बात कराई जा रही है. वहीं रिहाई के वक्त भी उनको उनके घर तक पहुंचाने का ध्यान रखा जाएगा.
यूपी कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं की वेबसाइट के मुताबिक यूपी की 71 जेलों में 1,00,744 (लगभग एक लाख) कैदी बंद हैं इनमें 72,372 विचाराधीन कैदी हैं तो वहीं 28,372 पर दोष साबित हो चुका है.
सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक एक ‘स्टेट लेवल माॅनिटरिंग कमेटी’ बनाई जाएगी जो इन कैदियों की रिहाई से संबंधित हर पहलू पर नजर रखेगी. वहीं सभी कैदियों को घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी. जिला जज संबंधित जेलों में हर दूसरे दिन जाकर जाकर जमानत देंगे ताकि कोर्ट परिसर में भीड़ न इकट्ठा हो.
यूपी में फिलहाल कोरोनावायरस के 61 मामले सामने आ चुके हैं. जेलों में ये वायरस न फैले इसलिए सरकार ने कई कैदियों की रिहाई का फैसला लिया है. बता दें कि यूपी के अलावा महाराष्ट्र , दिल्ली, हरियाणा और पंजाब सरकार भी कैदियों को रिहा करने का फैसला कर चुकी है.