नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यस बैंक संकट पर कहा, ‘आरबीआई 2017 से ही येस बैंक की निगरानी कर रहा है. इस दौरान प्रशासन संबंधी मसले, कमजोर अनुपालन, गलत परिसंपत्ति वर्गीकरण की बात सामने आई.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘कर्ज के जोखिम भरे फैसलों का पता चलने के बाद रिजर्व बैंक ने यस बैंक प्रबंधन में बदलाव पर जोर दिया.’
यस बैंक में गड़बड़ी के बारे में वित्त मंत्री ने कहा, ‘जांच एजेंसियों को भी यस बैंक में अनियमितताओं का पता चला’.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘यस बैंक के कर्मचारियों की नौकरी, वेतन एक साल तक सुरक्षित हैं, जमाएं और देनदारियां अप्रभावित रहेंगी. आरबीआई पता लगाएगा कि यस बैंक में क्या गलत हुआ. इसमें व्यक्तिगत भूमिका का पता लगाना होगा.’
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— ANI (@ANI) March 6, 2020
वित्त मंत्री ने कहा, ‘अनिल अंबानी समूह, एस्सेल, डीएचएफएल, आईएलएफएस, वोडाफोन उन संकटग्रस्त कंपनियों में शामिल हैं, जिन्हें यस बैंक ने कर्ज दिया था.’
निर्मला सीतारमण ने कहा कि यस बैंक में जमा राशि और देनदारियां प्रभावित नहीं होंगी, कम से कम एक साल के लिए बैंक में काम करने वालों का रोजगार और वेतन सुनिश्चित किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि आरबीआई ने आश्वासन दिया है कि पुनर्निर्माण योजना जल्द शुरू की जाएगी, एसबीआई ने यस बैंक में निवेश करने की इच्छा व्यक्त की है.
सीतारमण ने कहा कि मैंने आरबीआई से आकलन करने के लिए कहा है कि बैंक में इन कठिनाइयों का क्या कारण है. इसके साथ-साथ समस्या के लिए व्यक्तिगत रूप से कौन ज़िम्मेदार हैं, उनकी पहचान की जाए.
उन्होंने कहा कि 2017 से आरबीआई लगातार यस बैंक की निगरानी कर रहा है. यस बैंक द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था. बैंक द्वारा जोखिम भरे क्रेडिट निर्णय लिए गए थे.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)