लखनऊ: पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने सोमवार को कहा कि गैर भाजपा शासित राज्यों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जाना एक संवैधानिक संकट है और इन राज्यों की अनदेखी नहीं की जा सकती.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस ‘टीम इंडिया’ भावना की वह बात करते हैं, वह कहां है.
सिन्हा ने कहा कि इस बात पर शैक्षिक एवं सैद्धांतिक चर्चा शुरू हो चुकी है कि क्या राज्यों के पास सीएए लागू करने का अधिकार है. राज्यों को प्रस्ताव पारित करने का अधिकार है और वे ऐसा कर रहे हैं.
मुंबई से 9 जनवरी को दिल्ली के राजघाट के लिए शांति मार्च की शुरुआत करने वाले सिन्हा यहां सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा के साथ सपा मुख्यालय में संवाददाताओं से बात कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि संवैधानिक संकट तो है. आप राज्य सरकारों की अनदेखी नहीं कर सकते. उन्हें विश्वास में लेना होगा. उनके पास एकमात्र विकल्प राष्ट्रपति शासन लागू करने का है. वे ऐसा कर सकते हैं.
सिन्हा ने कहा कि 2014 में मोदी ने टीम इंडिया की बात की थी और इसमें मुख्यमंत्रियों को शामिल किया था. मोदी ने कहा था कि वह देश को आगे बढ़ाने में मुख्यमंत्रियों की मदद लेंगे.
पूर्व मंत्री ने पूछा कि टीम इंडिया की भावना कहां गई. क्या राज्यपाल भाजपा के मनोनीत लोगों की तरह बर्ताव नहीं कर रहे हैं. चाहे वह केरल हो या फिर पश्चिम बंगाल.
सीएए पर उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र विरोधी है और संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है. नागरिकता कानून में इस तरह के संशोधन की आवश्यकता नहीं थी.