नयी दिल्ली, सात अगस्त (भाषा) दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बृहस्पतिवार को शाम पांच बजे 205.03 मीटर तक पहुंच गया जो पुराने रेलवे पुल पर खतरे के स्तर 205.33 मीटर के करीब पहुंच गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यमुना नदी का जलस्तर बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे 204.50 मीटर के चेतावनी स्तर को पार कर 204.88 मीटर तक पहुंच गया था, जिसके बाद से ही जलस्तर बढ़ रहा है।
अधिकारियों के अनुसार, संभावित बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए एहतियाती कदम उठाने को लेकर सभी संबंधित एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है और बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर आसपास घोषणाएं की जा रही हैं।
पूर्वी दिल्ली जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय से जारी बुलेटिन में कहा गया है, ‘‘बृहस्पतिवार शाम पांच बजे हथिनीकुंड बैराज पर पानी का बहाव 32,640 क्यूसेक और वजीराबाद बैराज पर 46,290 क्यूसेक दर्ज किया गया।’’
शहर के लिए चेतावनी चिह्न 204.5 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है और निकासी 206 मीटर पर शुरू होती है। पुराना रेलवे पुल नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ के खतरों पर नजर रखने के लिए एक प्रमुख अवलोकन बिंदु के रूप में कार्य करता है।
केंद्रीय बाढ़ कक्ष के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘जल स्तर में वृद्धि का मुख्य कारण हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जाना है।’’
इस मानसून में पहली बार, हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से 50,000 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया और यह सुबह करीब छह बजे 61,000 क्यूसेक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
अधिकारी ने बताया, ‘‘तब से हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे 40,000-50,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।’’
बैराज से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में आमतौर पर 48 से 50 घंटे लगते हैं।
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के मंत्री प्रवेश वर्मा ने बृहस्पतिवार को इंद्रप्रस्थ एस्टेट के नजदीक निरीक्षण के बाद कहा, ‘‘यमुना का जलस्तर आमतौर पर इस समय बढ़ जाता है। विभाग पूरी तरह सतर्क और सक्रिय है। इस बार महत्वपूर्ण अंतर यह है कि आईटीओ बैराज के सभी गेट खुले हैं। 2023 के विपरीत, कोई भी गेट बंद नहीं है, इसलिए पानी का प्रवाह निर्बाध बना हुआ है। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।’’
भाषा शफीक पवनेश
पवनेश
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