बेंगलुरु, 13 सितंबर (भाषा) एक्स’ कॉर्प (पूर्व में ट्विटर) ने बुधवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसने खंडपीठ के 10 अगस्त के आदेश पर 25 लाख रुपये जमा कर दिए हैं।
कंपनी ने 14 अगस्त तक 50 लाख रुपये जमा करने के एकल न्यायाधीश के 30 जून के आदेश को चुनौती दी थी।
खंडपीठ ने 10 अगस्त को अपील पर पिछली सुनवाई के दौरान कंपनी को इस रकम का आधा हिस्सा जमा कराने का निर्देश दिया था ताकि अपील पर सुनवाई हो तथा एक्स कॉर्प अच्छी नीयत वाली इकाई के रूप में नजर आए।
न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित के आदेश के खिलाफ माइक्रोब्लॉगिंग साइट द्वारा दायर की गयी अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति बी वराले और न्यायमूर्ति एम जी एस कमल की खंडपीठ ने 10 अगस्त को अपना आदेश जारी किया था।
एकल पीठ ने एक्स कॉर्प की याचिका खारिज कर दी थी जिसमें कंपनी ने ट्वीट, यूआरएएल और हैशटैग हटाने से जुड़े इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आदेश को चुनौती दी थी। एकल न्यायाधीश पीठ ने 30 जून के अपने फैसले में कंपनी पर जुर्माना भी लगाया था।
एकल न्यायाधीश ने कहा था कि कंपनी ने एक साल से अधिक समय तक इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आदेशों का पालन नहीं किया और फिर वह उसके आदेशों के खिलाफ उच्च न्यायालय पहुंच गई।
इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगकी मंत्रालय ने दो फरवरी, 2021 और 28 फरवरी ,2022 के बीच सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत 10 सरकारी आदेश जारी कर एक्स कॉर्प (तत्कालीन ट्विटर) को 1474 एकाउंट, 175 ट्वीट, 256 यूआरएल और एक हैशटैग को अवरुद्ध करने का निर्देश दिया था। ट्विटर ने 39 यूआरएल से संबंधित आदेशों को चुनौती दी थी।
भाषा राजकुमार नेत्रपाल
नेत्रपाल
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