प्रयागराज, चार नवंबर (भाषा) गाजियाबाद बार एसोसिएशन ने अदालत परिसर में अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज की घटना की विशेष जांच टीम (एसआईटी) से जांच कराने का अनुरोध करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की है।
बार एसोसिएशन की मांग है कि यह जांच उच्च न्यायालय की प्रत्यक्ष निगरानी में की जाए।
अधिवक्ता जवाहर यादव द्वारा दायर इस याचिका में भारत के संविधान के अनुच्छेद 215 (अवमानना के लिए दंडित करने का उच्च न्यायालय का अधिकार) के तहत प्राप्त शक्तियों का उपयोग कर गाजियाबाद के जिला न्यायाधीश को कारण बताओ नोटिस जारी करने का भी अनुरोध किया गया है।
उल्लेखनीय है कि जिला न्यायाधीश और एक अधिवक्ता के बीच कहासुनी के बाद 29 अक्टूबर को गाजियाबाद के जनपद न्यायालय में पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच झड़प हुई थी।
याचिका में इस घटना का सीसीटीवी फुटेज संरक्षित करने और अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज दो आपराधिक मामलों में पुलिस को किसी भी तरह की कार्रवाई करने से रोकने का भी अनुरोध किया गया है।
याचिका के मुताबिक, इस झड़प की मुख्य वजह जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार द्वारा अतिक्रमण के एक मामले में अग्रिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई करने से कथित तौर पर इनकार करना था।
याचिका में दावा किया गया है कि जब अधिवक्ता ने अनुरोध किया कि यदि न्यायाधीश इस मामले को नहीं सुनना चाहते तो वह इसे दूसरी अदालत में स्थानांतरित कर दें, जिसपर जिला न्यायाधीश गुस्सा हो गए और अधिवक्ताओं को अपशब्द कहने लगे।
याचिका के अनुसार इसके बाद जिला न्यायाधीश ने सुरक्षा कर्मियों को बुला लिया, जिससे तनाव बढ़ गया और पुलिस तथा अधिवक्ताओं के बीच झड़प हो गई।
इस घटना के बाद गाजियाबाद पुलिस ने बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नाहर सिंह यादव समेत करीब 50 अज्ञात अधिवक्ताओं के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दो प्राथमिकी दर्ज की।
इन घटनाक्रमों के मद्देनजर गाजियाबाद बार एसोसिएशन ने दलील दी है कि उसने न्यायिक व्यवस्था के सम्मान की रक्षा के लिए याचिका दायर की है।
इस मामले में जल्द ही सुनवाई किए जाने की संभावना है।
भाषा राजेंद्र जोहेब
जोहेब
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