नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस कथित तौर पर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाले, छह शिकायतकर्ताओं में से एक को शुक्रवार को नई दिल्ली में के डब्ल्यूएफआई कार्यालय ले गई. राजधानी के 21 अशोक रोड पर स्थित डब्ल्यूएफआई का दो कमरों का कार्यालय, बृज भूषण के आधिकारिक निवास के लगभग एक उपभवन जितना है.
हालांकि, महिला पहलवान को कथित तौर पर ‘बृजभूषण के घर’ ले जाने की खबरें वायरल होने के बाद, नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त के कार्यालय ने ट्वीट कर स्पष्ट किया कि यह खबर ‘गलत’ थी और दिल्ली पुलिस महिला पहलवान को जांच के लिए डब्ल्यूएफआई कार्यालय ले गई थी.
कार्यालय और बृज भूषण का घर एक ही सड़क पर स्थित हैं. एक छोटा सा कमरा, जहां वह मीडिया से बातचीत करते हैं, वह एकमात्र ऐसी चीज है जो डब्ल्यूएफआई कार्यालय को उसके प्रमुख के घर से अलग करती है.
पहलवानों के करीबी सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि शिकायतकर्ता पुलिस की जांच के हिस्से के रूप में और “सीन री-क्रिएशन” के लिए पुलिस के साथ गई थी.
बृजभूषण शरण सिंह पर छह महिला पहलवानों और एक नाबालिग द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है और दो अलग-अलग एफआईआर के तहत मामला दर्ज किया गया है. नाबालिग ने अपने पिता के अनुसार, 5 जून को पटियाला हाउस कोर्ट में एक न्यायाधीश के समक्ष दर्ज कराए गए एक दूसरे बयान में उत्पीड़न से इनकार किया.
एफआईआर में, शिकायतकर्ताओं में से एक ने आरोप लगाया था कि बृज भूषण ने अपने कार्यालय में रहते हुए उससे कहा था कि यौन संबंधों के बदले में उसे लगी चोट का खर्च महासंघ उठाएगा.
एक अन्य शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संपर्क बनाने की कोशिश की थी, जिससे वह डर कर ऑफिस से भाग गई थी.
एक तीसरी शिकायतकर्ता ने कहा कि डब्ल्यूएफआई प्रमुख ने अपने कार्यालय के एक सोफे पर उसके हथेलियों, घुटनों और जांघों पर हाथ लगाया. इस घटना से वह बुरी तरह डर गयी थी.
सरकार 15 जून तक पहलवानों को अपना विरोध प्रदर्शन बंद करने के लिए राजी करने में सफल रही, और उन्हें उस तारीख तक यह आश्वासन दिया गया है कि दिल्ली पुलिस इस मामले में चार्जशीट दायर करेगी. पुलिस ने कथित तौर पर मामले के लिए 200 से अधिक गवाहों का साक्षात्कार लिया है, लखनऊ और बृजभूषण के आवास का दौरा किया था और उनके सहयोगियों से पूछताछ की थी.
(संपादन: अलमिना खातून)
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