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Wednesday, 16 July, 2025
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विश्व पर्यावरण दिवस: एनजीटी अध्यक्ष ने पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं की आवश्यकता को रेखांकित किया

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नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) विश्व पर्यावरण दिवस पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने भूमि की गुणवत्ता बहाल करने और एक सतत भविष्य के निर्माण के लिए पेड़ लगाने जैसे पर्यावरण संरक्षण के तरीकों की आवश्यकता को रेखांकित किया।

न्यायमूर्ति श्रीवास्तव ने भूमि पुनर्स्थापन करने, मरुस्थलीकरण को रोकने और सूखे से निपटने की क्षमता के निर्माण के महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, ‘भूमि क्षरण और मरुस्थलीकरण से हमारे पारिस्थितिकी तंत्र, खाद्य सुरक्षा और आजीविका को खतरा है, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन और बढ़ते मानव या मानव निर्मित हस्तक्षेप के कारण।’

एनजीटी अध्यक्ष ने कहा, ‘हमें अधिक पेड़ लगाने, पानी की खपत कम करने और पर्यावरण संरक्षण प्रथाओं का समर्थन करने के लिए खुद को प्रतिबद्ध करना चाहिए। साथ मिलकर, हम भूमि की गुणवत्ता बहाल कर सकते हैं, अपने पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।’

उन्होंने कहा कि कचरे के निपटान में कुप्रबंधन, बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई के कारण मरुस्थलीकरण और मिट्टी की समग्रता में गड़बड़ी तथा भूजल के अत्यधिक दोहन के कारण सूखे और अन्य पर्यावरणीय परिणामों के चलते भूमि की गुणवत्ता खतरे में पड़ गई है।

न्यायमूर्ति श्रीवास्तव ने कहा, ‘क्षरित हुई भूमि का पुनर्स्थापन कर, मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाकर और जैव विविधता को बढ़ावा देकर हम इन चुनौतीपूर्ण मुद्दों का मुकाबला कर सकते हैं तथा कृषि उत्पादकता में सुधार कर सकते हैं।’

पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।

एनजीटी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मरुस्थलीकरण को रोकने के लिए सतत भूमि उपयोग प्रथाएं, पुनर्वनीकरण और प्रभावी जल प्रबंधन आवश्यक हैं, जबकि सूखे से निपटने के लिए जल संरक्षण, सूखा प्रतिरोधी फसलों और बेहतर प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों की आवश्यकता होती है।’’

उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण पहलू पर्यावरण कानूनों और विनियमों को प्रभावी ढंग से लागू करना है।

भाषा नेत्रपाल प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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