(डी पी मिश्रा)
नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) जैसे प्रमुख संस्थानों द्वारा संचालित ऑनलाइन कौशल विकास पाठ्यक्रमों में नामांकन में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।
इन कौशल विकास पाठ्यक्रमों में नामांकन कराने वालों में विशेष रूप से वे लोग शामिल हैं, जो मौजूदा समय में नौकरियों के लिए अपनी प्रासंगिकता बनाये रखना चाहते हैं।
टेक्नोपैक एडवाइजर्स की रिपोर्ट ‘भारत में ऑनलाइन उच्च शिक्षा, प्रमाणन और अपस्किलिंग बाजार’ के अनुसार, इन पाठ्यक्रमों में लगभग 70 प्रतिशत शिक्षार्थियों के पास तीन वर्ष से कम का कार्य अनुभव है – जो लचीली, उद्योग-समन्वयित शिक्षा के प्रति प्रबल प्राथमिकता को दर्शाता है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता(एआई), बिग डेटा, इलेक्ट्रिक वाहन, व्यवसाय प्रबंधन और नेतृत्व जैसे क्षेत्रों को कवर करते हुए ये पाठ्यक्रम अकादमिक ज्ञान को वास्तविक दुनिया की प्रयोज्यता के साथ समन्वित करते हैं।
इनमें से कई पाठ्यक्रम हाइब्रिड प्रारूप में उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे पेशेवरों को करियर में ब्रेक लिए बिना ही अपने कौशल को बढ़ाने का अवसर मिलता है।
ये पाठ्यक्रम उन उद्यमियों और वरिष्ठ पेशेवरों को भी आकर्षित कर रहे हैं जो कार्यकुशलता बढ़ाना चाहते हैं।
हाल ही में आईआईएम से एक्जीक्यूटिव एमबीए की डिग्री पूरी करने वाले डॉ. गिरीश मोहन गुप्ता (84) ने कहा, ‘‘ये पाठ्यक्रम केवल सैद्धांतिक नहीं हैं – ये वास्तविक दुनिया की व्यावसायिक समस्याओं को सुलझाने में बहुत सहायक हैं।’’
डॉ. गुप्ता ने कहा, ‘‘ इससे मुझे अपने कारोबार में मानव संसाधन और वित्त का प्रबंधन करने में बहुत मदद मिली। मैंने सीखा है कि पैसे कैसे बढ़ाएं – और उससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इसे कैसे सुरक्षित रखें। ’’
जारो एजुकेशन, सिम्पलीलर्न, टाइम्सप्रो और टैलेंटएज जैसे शिक्षण प्लेटफार्मों ने भी इन पाठ्यक्रमों में बढ़ती भागीदारी की सूचना दी है।
भाषा रवि कांत सुभाष
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