पणजी, नौ जुलाई (भाषा) अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) के सचिव सुहास नाइक ने बुधवार को दावा किया कि तटीय राज्य गोवा में बिना किसी अतिरिक्त भुगतान के औद्योगिक श्रमिकों से प्रतिदिन 14-16 घंटे काम कराया जा रहा है।
केंद्र एवं राज्य सरकारों की ‘श्रमिक एवं किसान विरोधी नीतियों’ के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के इतर नाइक संवाददाताओं से बातचीत करते हुये यह दावा किया।
बुधवार सुबह पणजी के आजाद मैदान में कई लोगों ने नए श्रम संहिताओं और अन्य मुद्दों के खिलाफ आयोजित “आम हाड़ताल” में हिस्सा लिया। कई केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं किसान संगठनों ने मिलकर इस हड़ताल का आह्वान किया है।
नाइक ने कहा, “मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत इस स्थिति का कैसे बचाव करेंगे कि औद्योगिक क्षेत्रों में बिना किसी अतिरिक्त भुगतान के श्रमिकों से 14 से 16 घंटे काम कराया जा रहा है।”
उन्होंने बताया कि श्रमिक संगठनों ने कई कंपनियों के प्रबंधन के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
उन्होंने कहा, “इन शिकायतों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है जिसके कारण मजदूरों को न्याय के लिए अदालतों का रुख करना पड़ रहा है।”
सभा को संबोधित करते हुए नाइक ने आरोप लगाया कि भारतीया जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने चार नए श्रम संहिताओं को लागू कर दशकों से अर्जित श्रमिक अधिकारों को कमजोर कर दिया है।
उन्होंने इन संहिताओं को “शोषणकारी” और “कॉर्पोरेट समर्थक” बताया।
उन्होंने कहा, “ये संहिता दशकों से कठिन परिश्रम से प्राप्त श्रम अधिकारों को कमजोर करती हैं और असमानता एवं शोषण को बढ़ाती हैं”
एटक नेता ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार फार्मास्युटिकल क्षेत्र में हड़ताल को रोकने के लिए बार-बार गोवा अत्यावश्यक सेवाएं अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) का दुरुपयोग कर रही है।
उन्होंने कहा कि “एस्मा का इस्तेमाल उन कंपनियों को संरक्षण देने में किया जा रहा है जो श्रम कानूनों का उल्लंघन करती हैं और श्रमिकों के संगठन बनाने के अधिकार को कुचलती हैं।”
भाषा राखी मनीषा रंजन
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