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Friday, 15 November, 2024
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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं के योगदान की सराहना, रूढ़ियों को तोड़ने वालीं महिलाएं सम्मानित

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नयी दिल्ली, आठ मार्च (भाषा) अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं के लिए अधिक समावेशिता के आह्वान के साथ खेत खलिहान से लेकर टीकाकरण की मुहिम में अग्रणी भूमिका निभाने और लैंगिक रूढ़ियों को तोड़ते हुए विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया।

‘‘पूर्वाग्रह को तोड़ें’’ और ‘‘टिकाऊ भविष्य के लिए आज लैंगिक समानता’’ जैसे विषय महिलाओं के अधिकारों को समर्पित वैश्विक दिवस पर केंद्रित थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य नेताओं ने महिलाओं के योगदान की सराहना की और उनके सशक्तिकरण के लिए काम करने का संकल्प लिया।

मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘महिला दिवस पर मैं नारी शक्ति और विभिन्न क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों को नमन करता हूं। भारत सरकार सम्मान और अवसरों पर विशेष जोर के साथ अपनी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण पर अपना ध्यान केंद्रित करती रहेगी।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत की विकास यात्रा में अपनी नारी शक्ति को आगे रखने के लिए वित्तीय समावेषण से लेकर सामाजिक सुरक्षा, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल से लेकर आवास, शिक्षा से लेकर उद्यमिता जैसे कई प्रयास किए गए। आने वाले समय में ये प्रयास और जोश के साथ जारी रहेंगे।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह गौरव की बात है कि देश की वित्त मंत्री एक महिला है और उन्होंने एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए इस वर्ष बहुत ही प्रगतिशील बजट पेश किया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘महिलाएं अपने विवेक, समर्पण और शक्ति से समाज को बदलने में सक्षम हैं। उन्हें लंबे समय से लंबित उनका उचित अधिकार मिलना चाहिए। सभी को महिला दिवस की शुभकामनाएं।’’

सांप पकड़ने वाली पहली महिला से लेकर जन्मजात विकृतियों (डाउन सिंड्रोम) वाली कथक नृत्यांगना तक 29 महिलाओं को मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नारी शक्ति सम्मान प्रदान किया गया।

सम्मान पाने वाली महिलाओं में सांप पकड़ने के काम में जुटी जगदेव बोरादे शामिल हैं। इन्होंने अभी तक कम से कम 50 हजार सांपों को बचाकर उन्हें उनके प्राकृतिक पर्यावास में छोड़ा है। उन्होंने सांपों के बारे में जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किये हैं। उन्हें ‘सर्प मित्र’ के नाम से जाना जाता है। जबकि, डाउन सिंड्रोम से पीड़ित कथक नृत्यांगना सायली नंदकिशोर अगवाने ने 100 से अधिक आयोजनों में अपना नृत्य प्रदर्शन किया है। ‘ग्लोबल ओलम्पियाड डांस कम्पीटिशन’ में उन्हें कांस्य पदक प्राप्त हुआ था।

दृष्टिहीन सामाजिक कार्यकर्ता टिफनी बरार को दिव्यांग ग्रामीण महिलाओं के लिए अनुकरणीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया है। जैविक खेती करने वाली उषाबेन दिनेशभाई वसावा को महिलाओं को जैविक खेती सिखाने में योगदान के लिए सम्मानित किया गया है।

महिलाओं विशेषकर कमजोर एवं समाज के हाशिये पर गुजर बसर करने वाली नारियों के सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 29 महिलाओं को नारी शक्ति सम्मान प्रदान किया गया है, जिनमें 2020 और 2021 प्रत्येक के लिए चौदह-चौदह पुरस्कार शामिल हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कोविड-19 टीके लगाने वाली देश भर की 72 सर्वश्रेष्ठ महिलाओं को सम्मानित किया और कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र का विकास महिलाओं के योगदान के बिना अधूरा है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मांडविया ने कहा कि सभी महिला टीका प्रदाताओं की निस्वार्थ सेवा के कारण ही भारत इस महामारी से सफलतापूर्वक निपट पाया है।

राज्यों में भी महिला टीम के नेतृत्व में विभिन्न संगठनों द्वारा कई पहल की शुरुआत की गई। साथ ही, बसों और महानगरों में मुफ्त सवारी सहित महिला ग्राहकों के लिए विशेष प्रोत्साहन और छूट प्रदान की गई।

मध्य प्रदेश में, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा का प्रबंधन सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) बिट्टू शर्मा के नेतृत्व में महिला पुलिसकर्मियों की एक टीम ने किया। केरल उच्च न्यायालय में महिला न्यायाधीशों की एक पूर्ण पीठ इस मुद्दे पर याचिकाओं की सुनवाई करेगी कि क्या गुरुवायुर देवोस्वोम प्रबंधन समिति मुख्यमंत्री या किसी अन्य सरकारी एजेंसी के आपदा राहत कोष में मंदिर का धन अंशदान कर सकती है।

उत्तर प्रदेश में अंतिम चरण के मतदान के एक दिन बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राज्य की राजधानी लखनऊ के 1090 चौराहे से वीरांगना उदा देवी (सिकंदरबाग) चौराहे तक महिलाओं के एक जुलूस का नेतृत्व किया।

पार्टी ने विधानसभा चुनाव में ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का नारा दिया और महिला उम्मीदवारों को 40 फीसदी टिकट दिए। इस नारे के नाम पर आज के जुलूस का नाम रखा गया। इस जुलूस में राज्य भर की महिलाओं समेत हजारों लोग शामिल हुए। इस दौरान लोगों ने गुलाबी रंग के झंडे पकड़ रखे थे, जिन पर लिखा था, ‘‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं।’’

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि महिलाओं के उत्थान की योजनाएं लक्षित लाभार्थियों तक पहुंचे। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण की नीति जल्द ही शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा, ‘‘नेता होने के नाते यह देखना हमारा कर्तव्य है कि हम किस तरह से महिलाओं की मदद कर सकते हैं।’’

पश्चिम बंगाल की महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पांजा ने कहा, ‘‘ आज महिलाएं आत्मविश्वास से भरी हैं…हालांकि अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है। ‘अमरा नारी, अमरा परी’ (हम महिलाएं हैं, हम कर सकते हैं)।’’

थल सेना और वायु सेना ने भी महिलाओं के स्वास्थ्य पर जागरूकता फैलाने और स्कूली लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करने पर ध्यान देने के साथ कार्यक्रम आयोजित किए।

तेलंगाना के उद्योग मंत्री के टी रामाराव ने सांगारेड्डी जिले में ‘फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ) इंडस्ट्रियल पार्क’ का उद्घाटन किया, जो देश का शत-प्रतिशत महिलाओं के स्वामित्व वाला पहला एफएलओ औद्योगिक पार्क है। पार्क में 25 महिलाओं के स्वामित्व वाली और संचालित इकाइयों ने कामकाज शुरू कर दिया है।

राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2019-21) के निष्कर्षों के अनुसार भारत ने हाल में एक और मील का पत्थर हासिल किया क्योंकि महिलाओं की संख्या पहली बार पुरुषों की संख्या को पार कर गई है। इससे देश में लिंग अनुपात 1,020:1,000 होने की बात कही गई जो जनसांख्यिकीय बदलाव को दर्शाता है।

भाषा आशीष नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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