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Tuesday, 21 May, 2024
होमदेशअपराधपायल तड़वी केस: आरोपी महिला डॉक्टरों ने खारिज किए रैगिंग के आरोप, कहा- जांच के लिए तैयार

पायल तड़वी केस: आरोपी महिला डॉक्टरों ने खारिज किए रैगिंग के आरोप, कहा- जांच के लिए तैयार

आरोपी डॉक्टर्स का कहना है कि वे इस मामले की निष्पक्ष जांच चाहती हैं. काम के प्रेशर को रैगिंग कहना ठीक नहीं है. अखिलेश और कन्हैया ने की जातिवाद की निंदा की.

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नई दिल्लीः मुंबई के नायर अस्पताल में एक आदिवासी महिला डॉक्टर पायल तड़वी की आत्महत्या के केस में अब नया मोड़ आ गया है. महाराष्ट्र महिला आयोग ने नायर अस्पताल को नोटिस भेजकर इस मामले की रिपोर्ट तलब की है. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने मीडिया से कहा है कि उन्होंने अस्पताल को नोटिस भेजकर रैगिंग रोकने को लेकर कार्रवाई नहीं करने की जानकारी मांगी है. आयोग ने अस्पताल से यह भी पूछा है कि अस्पताल ने भविष्य में ऐसी घटनाएं होने से रोकने के लिए क्या ज़रूरी कदम उठाए हैं.

दूसरी ओर आरोपी महिला डॉक्टर्स ने महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स को लिखकर बताया है कि वो जांच के लिए तैयार हैं. बशर्ते मीडिया और पुलिस का अतिरिक्त प्रेशर न हो. आरोपियों का कहना है कि वो इस मामले की निष्पक्ष जांच चाहती हैं. आरोपी डॉक्टर्स का ये भी कहना है कि काम के प्रेशर को रैगिंग कहना ठीक नहीं है.

वहीं, कॉलेज प्रशासन ने डिपार्टमेंट की हेड और तीनों आरोपियों को सस्पेंड कर दिया है. गौरतलब है कि तीनों आरोपी महिला डॉक्टर्स पर आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), एससी/एसटी एक्ट, एंटी रैगिंग एक्ट के तरत मामला दर्ज हुआ है.


यह भी पढ़ें: ये आत्महत्या नहीं, हत्या है- आदिवासी डॉक्टर पायल तड़वी का परिवार


समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ट्वीट कर इस मामले की निंदा की है. उन्होंने लिखा है, ‘अनुसूचित जनजाति की होनहार डॉ. पायल तड़वी की आत्महत्या मूलत: उनकी जाति और आरक्षण पर की गयी अपमानजनक शाब्दिक हिंसा का परिणाम है. ये मूलत: उनकी हत्या है और संविधान द्वारा दिये गये संरक्षण की भी. क्या यही देश की नई दिशा है?’

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सीपीआई पार्टी की टिकट से बेगुसराय से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले कन्हैया कुमार ने भी सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर लिखा है. कन्हैया लिखते हैं, ‘जातिवाद ने पायल जैसी प्रतिभाशाली डॉक्टर की जान ले ली. दोषियों को सज़ा दिलाने की मांग करने के साथ जातिगत भेदभाव के तमाम मामलों में न्याय दिलाने के लिए पूरे देश के स्तर पर आंदोलन करने की ज़रूरत है. रोहित वेमुला के मामले में भी अभी तक दोषियों को सज़ा नहीं मिली है.’

डॉक्टर पायल के पति सलमान ने दिप्रिंट को बताया, ‘हम दोषियों के लिए सज़ा चाहते हैं. पायल के साथ लगातार हैरेसमेंट हुआ है. वो हमें बताती थी. हम खुद इस बात की शिकायत कर चुके थे. अस्पताल ने सही समय पर कोई कदम क्योंं नहीं उठाया.’

फिलहाल पायल की आत्महत्या को लेकर देशभर में आंदोलन खड़ा किया जा रहा है. नेताओं से लेकर सोशल एक्टिविस्ट न्याय की मांग कर रहे हैं.

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