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शुक्रवार, 16 मई, 2025
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महिला सुरक्षा : उच्च न्यायालय ने डीटीसी बसों में सीसीटीवी लगाने की व्यवहार्यता के बारे में पूछा

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नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में चलती बस में निर्भया से बलात्कार की दिल दहला देने वाली घटना के करीब 11 साल बाद, दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली सरकार से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डीटीसी बसों में कैमरे लगाने और चालक व परिचालक सीट पर ‘अलर्ट’ बटन लगाने की व्यवहार्यता के बारे में पूछा।

उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में दिल्ली सरकार के वकील से कई सवाल पूछे।

न्यायमूर्ति कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता की पीठ ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा, ‘‘क्या दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बसों में कैमरे हैं? क्या (बस में) खंभों पर ‘पुश-टू-टॉक’ बटन लगाए गए हैं? क्या आप सीसीटीवी के फुटेज को संरक्षित कर रहे हैं और आप इसे कितने दिनों तक सुरक्षित रखते हैं?’’

अदालत उस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जो उसने 16 दिसंबर, 2012 को चलती बस में 23 वर्षीय युवती के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के बाद महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर 2012 में स्वयं शुरू की थी।

उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से डीटीसी बसों के अंदर कैमरे लगाने की व्यवहार्यता के बारे में विवरण शामिल करते हुए एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

पीठ ने यह भी पूछा कि क्या दिल्ली सरकार ने न्याय मित्र मीरा भाटिया के सुझाव पर निर्देश लेने के लिए अदालत के पूर्व आदेश का पालन किया है कि अधिकारियों को जागरूकता पैदा करने के लिए बसों और अन्य सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं से छेड़छाड़ के खिलाफ होर्डिंग या पोस्टर लगाने पर विचार करना चाहिए।

भाटिया ने कहा कि होर्डिंग या पोस्टर में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए कि छेड़छाड़ एक गंभीर और दंडनीय अपराध है। उन्होंने कहा कि यह कदम एक निवारक के रूप में कार्य करेगा।

सुनवाई शुरू होते ही पीठ ने कहा कि वह जानना चाहती है कि महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए टैक्सियों में क्या सुविधाएं या सुरक्षा उपाय लागू किए जा रहे हैं।

भाटिया ने कहा कि ऐसे अधिकांश वाहनों में ‘‘पैनिक बटन’’ नहीं होते हैं और यदि लगे भी हैं तो वे काम नहीं करते।

दिल्ली सरकार के वकील ने अदालत को सूचित किया कि महिलाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के उपायों के तहत राष्ट्रीय राजधानी के संवेदनशील इलाकों में 6,630 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और वे काम कर रहे हैं।

भाषा शफीक प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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