गुरुग्राम: हरियाणा में क्रिसमस के मौके पर दक्षिणपंथी हिंदू कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित इसाई प्रेयर में बाधा डालने के कुछ दिनों बाद, रविवार को अंबाला और रोहतक में ईसाई समुदाय द्वारा आयोजित प्रेयर में राष्ट्रीय बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकर्ताओं ने बाधा डाली.
दोनों मामलों में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है. इस बीच, हिंदूवादी संगठनों ने ईसाई समुदाय द्वारा जबरन धर्म परिवर्तन का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है.
अंबाला जिले के बरनाला गांव में पादरी विक्रम द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार, बजरंग दल के सदस्यों ने “जय श्री राम” के नारे लगाते हुए लगभग 100 लोगों की मौजूदगी में आयोजित प्रेयर में बाधा डाली.
पादरी विक्रम-जिनका एफआईआर में केवल एक नाम है — ने यह भी आरोप लगाया कि दक्षिणपंथी हिंदू कार्यकर्ताओं ने महिलाओं और बच्चों पर हमला किया, उनमें से कुछ को घायल कर दिया और बैठक स्थल पर ईंट फेंककर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.
उन्होंने सोमवार को दिप्रिंट को फोन पर बताया, “मैं पिछले चार सालों से इस स्थल पर शांतिपूर्वक प्रेयर कर रहा हूं, लेकिन यह पहली बार है जब ऐसी घटना हुई है. कई लोग घायल हुए और संपत्ति को नुकसान पहुंचा.”
हमले पर नाराज़गी जताते हुए उन्होंने कहा, “हमने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. हालांकि, पुलिस ने हमारी एफआईआर दर्ज कर ली है, लेकिन वो अपराध को अंजाम देने वाले बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई करने के मूड में नहीं हैं.”
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस “सत्तारूढ़ पार्टी के कुछ प्रभावशाली लोगों के दबाव में हमारे खिलाफ क्रॉस-एफआईआर दर्ज करने के लिए दबाव में थी”. उन्होंने कहा कि “अगर कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो हम सड़कों पर प्रदर्शन करेंगे”.
अंबाला जिले के पंजोखरा थाने के एसएचओ विक्रांत सिंह ने दिप्रिंट को बताया कि दोनों समूहों ने शिकायत दर्ज कराई है. हालांकि, अभी तक पादरी विक्रम की शिकायत पर ही एफआईआर दर्ज की गई है, दूसरे पक्ष की ओर से नहीं.
पादरी विक्रम की शिकायत के आधार पर दर्ज एफआईआर में बजरंग दल के जिला अध्यक्ष देवी दयाल को मुख्य आरोपी बनाया गया है.
दिप्रिंट द्वारा देखी गई शिकायत में पादरी विक्रम ने कहा, “ईसाई समुदाय के सदस्य, जिनमें से अधिकांश महिलाएं और बच्चे थे, रविवार को अंबाला के बरनाला गांव इलाके में एक हॉल में दोपहर करीब 12 बजे प्रेयर कर रहे थे, तभी कुछ बदमाश वाहनों में सवार होकर वहां पहुंचे और जय श्री राम के नारे लगाते हुए हॉल में घुस गए, प्रेयर करने वालों को जबरन रोका गया और महिलाओं और बच्चों की पिटाई शुरू कर दी. जब मैंने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने ईसा मसीह का मज़ाक उड़ाया और मुझे जान से मारने की धमकी दी.”
राष्ट्रीय बजरंग दल के सदस्यों के खिलाफ विभिन्न आरोपों के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें स्वेच्छा से चोट पहुंचाना, गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होना, दंगा करना, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना और आपराधिक धमकी शामिल है.
देवी दयाल ने आरोपों का खंडन किया और दावा किया कि समूह ने स्थानीय लोगों की शिकायत पर कार्रवाई की है, जिसमें धर्म परिवर्तन का आरोप लगाया गया है.
देवी दयाल ने दिप्रिंट को बताया, “धर्मांतरण की शिकायत मिलने के बाद हमारे सदस्य बरनाला गए थे. हम वहां पादरी से लोगों को धर्मांतरण के लिए लालच देने से रोकने के लिए गए थे. उन्होंने हमारे सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया और हमारे एक सदस्य के सिर पर चोट लग गई, जिसके कारण झगड़ा हुआ. हमने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई है.”
‘स्थल से भागकर अपनी जान बचाई’
रोहतक में धर्मगुरु परवीन सिंह ने आरोप लगाया कि रविवार को वीएचपी और बजरंग दल के सदस्य उनके चर्च में पहुंचे और प्रेयर के दौरान “जय श्री राम” का नारा लगाने लगे.
सिंह ने सोमवार को दिप्रिंट से फोन पर बात करते हुए आरोप लगाया, “हमने क्रिसमस के दिन की घटनाओं और कल की घटना के बारे में एसपी (पुलिस अधीक्षक) को लिखित शिकायत दी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है.”
दिप्रिंट ने दो पन्नों का आवेदन देखा है, जिसमें सिंह ने कहा है कि वह भारत के संविधान के तहत दिए गए अपने धर्म को मानने के “मौलिक अधिकारों” के तहत रोहतक के पाड़ा मोहल्ला स्थित चर्च में रविवार की प्रेयर कर रहे थे.
आरोपियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए शिकायत में कहा गया है, “अगर हम धर्मशाला में क्रिसमस मना रहे थे, तो हम कोई अपराध नहीं कर रहे थे. हालांकि, वीएचपी और बजरंग दल के बदमाशों ने हमारे साथ मारपीट की और हमें जान से मारने की धमकी दी. हमने कार्यक्रम स्थल से भागकर अपनी जान बचाई.”
“हमने कानून को अपने हाथ में नहीं लिया और इसके बजाय पुलिस को कानूनी उपाय करने के लिए सूचित किया. पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और उपद्रवियों का हौसला बढ़ गया और उन्होंने हमारे चर्च में भी उपद्रव मचाना शुरू कर दिया.”
दिप्रिंट ने कॉल और टेक्स्ट मैसेज के ज़रिए रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया से संपर्क किया. जवाब मिलने पर रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.
हालांकि, सब्जी मंडी थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर रविंदर सिंह ने कहा कि पुलिस को शिकायत मिली है, लेकिन अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.
एसएचओ ने दिप्रिंट को बताया, “हम शिकायत की जांच कर रहे हैं और आवश्यकतानुसार कार्रवाई करेंगे.”
‘जबरन धर्म परिवर्तन की शिकायतें’
इस हफ्ते की शुरुआत में रोहतक में 25 दिसंबर को क्रिसमस समारोह में व्यवधान उत्पन्न करने के बाद ये दोनों घटनाएं हुई हैं, जहां बजरंग दल और वीएचपी के सदस्यों ने शिव पंजाबी धर्मशाला में एक ईसाई सभा को रोक दिया था.
दिप्रिंट ने रिपोर्ट दी थी कि प्रदर्शनकारियों ने मंच पर हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर दिया और उपस्थित लोगों को वहां से जाने के लिए मजबूर किया. आखिरकार, पुलिस को बुलाया गया, लेकिन आयोजकों को सजावट और भोजन की अपनी व्यवस्था छोड़कर कार्यक्रम स्थल से जाना पड़ा.
वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने दिप्रिंट को बताया कि संगठन कभी भी क्रिसमस डे के प्रोग्राम या ईसाई समुदाय की प्रेयर में बाधाएं नहीं डालता. हालांकि, उन्होंने कहा कि जब भी जबरन धर्म परिवर्तन की शिकायतें आती हैं, तो समूह पुलिस की मदद से हस्तक्षेप करता है क्योंकि यह एक अपराध है.
हरियाणा गैरकानूनी धर्म परिवर्तन रोकथाम नियम 2022 में पारित किया गया था.
उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के लोगों को लालच देकर, उन्हें धमकाकर या उन्हें चमत्कार दिखाकर धर्म परिवर्तन कराने की शिकायतें मिलती रहती हैं.
बंसल ने पूछा, “वह लोगों को बीमारियों से ठीक करने का वादा करके भी लुभाते हैं. क्या यह अजीब नहीं है कि वो मदर टेरेसा और पोप को ठीक नहीं कर सके, लेकिन दावा करते हैं कि वह भारत के गरीब लोगों को ठीक कर देंगे?”
2021 में हरियाणा में भी इसी तरह की घटनाएं हुईं. कुरुक्षेत्र में, एक समूह ने एक चर्च में प्रवेश किया और हिंदू भक्ति गीत गाकर क्रिसमस समारोह को बाधित किया और गुरुग्राम के पटौदी में, संघ परिवार के कार्यकर्ता एक स्कूल में घुस गए जहां क्रिसमस का उत्सव हो रहा था और स्कूली बच्चे प्रदर्शन कर रहे थे.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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