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Tuesday, 28 October, 2025
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महागठबंधन के घोषणा पत्र के केंद्र में महिलाएं और किसान

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पटना, 28 अक्टूबर (भाषा) बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन की ओर से मंगलवार को जारी किए गए घोषणापत्र में महिलाओं और किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं।

घोषणापत्र में दावा किया गया है कि अगर महागठबंधन सत्ता में आता है तो महिलाओं के जीवन स्तर में व्यापक बदलाव सुनिश्चित किया जाएगा।

महागठबंधन के घोषणा पत्र के अनुसार, वह ‘माई-बहिन मान योजना’ लागू करेगा, जिसके तहत महिलाओं को प्रति माह 2,500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी और अगले पांच वर्षों में कुल 30,000 रुपये प्रतिवर्ष प्रदान किए जाएंगे।

इसके अलावा बेटियों के लिए समुचित सुरक्षा और माताओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए ‘बेटी हमारा अभिमान’ और ‘माताओं के लिए सम्मान’ जैसी योजनाओं की भी घोषणा की गई है।

महिलाओं को सरकारी कर्मचारियों के बराबर दर्जा दिए जाने का वादा करते हुए घोषणा पत्र में कहा गया है कि जीविका दीदियों को 30,000 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे और स्वयं सहायता समूहों से लिए गए ऋण पर ब्याज माफ करने तथा दो वर्षों तक ब्याज-मुक्त ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएगी।

घोषणापत्र के अनुसार, ‘‘महिला किसानों को भी प्रत्येक माह 2,000 रुपये की आर्थिक मदद देने का प्रस्ताव है।’’

महिलाओं के लिए कॉलेज/विश्वविद्यालयों में आरक्षण लागू करने की घोषणा करते हुए कहा गया है कि संविधान की धारा 15(5) के अंतर्गत सभी निजी शैक्षणिक संस्थानों में हिंसा-प्रभावित वर्ग की महिलाओं को आरक्षण दिया जाएगा।

राज्यभर में महिला पुलिस बल का विस्तार करने और प्रत्येक अनुमंडल में महिला पुलिस थाना स्थापित करने की भी घोषणा की गई।

महागठबंधन के घोषणा पत्र के अनुसार, ‘‘महिलाओं को मुफ्त यात्रा सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से बिहार राज्य पथ परिवहन निगम द्वारा 2,000 नयी बस खरीदी जाएंगी। महिलाओं के लिए स्वास्थ्य, खेल, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी कई योजनाओं को भी घोषणा पत्र में शामिल किया गया है।’’

उसने अपने घोषणा पत्र में किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए भी कई बड़े वादे किए हैं जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी से लेकर सस्ती सिंचाई व्यवस्था और कृषि-आधारित उद्योगों के विस्तार समेत 23 ऐलान किए गए हैं।

घोषणा पत्र के अनुसार, ‘‘सभी फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाएगी और पंचायत स्तर पर लहसुन, दलहन व मक्का जैसे उत्पादों की खरीद सुनिश्चित की जाएगी। ई-नाम और अन्य बाजार मंच को जिला स्तर तक विस्तारित किया जाएगा तथा कृषि उपज मंडी (एपीएमसी) अधिनियम को पुनः लागू किया जाएगा।’’

महागठबंधन ने कहा, ‘‘सभी बटाई पर खेती करने वाले किसानों की पहचान कर उन्हें एमएसपी व अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। कृषि भूमि अधिग्रहण पर रोक लगाने और 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार चार गुना मुआवजा दिया जाएगा।’’

घोषणा पत्र में शीत भंडारण व कृषि भंडारण के लिए व्यवस्थित नेटवर्क विकसित करने और सिंचाई की उपलब्धता बढ़ाने की बात कही गई है।

इसमें कहा गया, ‘‘गांवों में नहरों और आधुनिक सिंचाई प्रणालियों का विस्तार कर छोटे किसानों को सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा, बागवानी और ओषधीय पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना है। खेती के लिए प्रतिदिन 18 घंटे सस्ती बिजली और डीजल पर सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी।’’

घोषणापत्र में खेतों तक खाद व बीज की समय पर उपलब्धता जोर दिया गया है।

इसमें कहा गया, ‘‘बाजार व्यवस्था में सुधार कर किसानों को समय पर उचित मूल्य दिलाया जाएगा। किसानों के लिए फसल बीमा योजना के साथ-साथ ‘यथार्थ किसान बीमा योजना’ लागू की जाएगी ताकि समुचित मुआवजा सुनिश्चित हो सके।’’

घोषणा पत्र में दूध, मछली, मुर्गी, बकरी, चावल, तेलहन और अन्य कृषि-आधारित उत्पादों के प्रसंस्करण हेतु बड़े उद्योग स्थापित करने का वादा किया गया है, जिससे किसानों की आय बढ़ाई जा सके।

भाषा कैलाश खारी

खारी

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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