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Wednesday, 30 July, 2025
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महिला न्यायिक अधिकारी ने जिला न्यायाधीश की पदोन्नति का विरोध करते हुए दिया इस्तीफा

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नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) मध्य प्रदेश की एक महिला न्यायिक अधिकारी ने एक जिला न्यायाधीश की उच्च न्यायालय में पदोन्नति के विरोध में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

महिला न्यायिक अधिकारी ने जिला न्यायाधीश के खिलाफ उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे और इन्हीं आरोपों के विरोध में महिला अधिकारी ने ये कदम उठाया।

मध्य प्रदेश में दो महिला न्यायिक अधिकारियों की सेवाएं मई 2023 में समाप्त करने के आदेशों को शीर्ष अदालत ने 28 फरवरी को रद्द कर दिया था तथा अदालत ने इस कार्रवाई को ‘दंडात्मक और मनमानी’ करार दिया था। इन दोनों महिला न्यायिक अधिकारियों में सोमवार को इस्तीफा देने वाली न्यायाधीश भी शामिल थीं।

न्यायिक अधिकारी ने सोमवार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

अपने कड़े शब्दों वाले पत्र में उन्होंने गहरे विश्वासघात की भावना व्यक्त की और ये विश्वासघात किसी अपराधी के लिए नहीं बल्कि उस न्यायिक प्रणाली के लिए व्यक्त किया गया जिसकी रक्षा करने की उन्होंने शपथ ली थी।

न्यायिक अधिकारी ने अपने इस्तीफे में कहा, ‘‘जिस आदमी पर मैंने अज्ञात तरीके से नहीं बल्कि पूरे दस्तावेजों और उस अदम्य साहस के साथ आरोप लगाया था जो केवल एक जख्मी महिला ही जुटा सकती है, लेकिन उनसे स्पष्टीकरण तक नहीं मांगा गया। कोई पूछताछ नहीं। कोई नोटिस नहीं। कोई सुनवाई नहीं। कोई जवाबदेही नहीं। अब उन्हें न्यायधीश कहा जा रहा है, जो अपने आप में एक क्रूर मज़ाक है।’’

पत्र में कहा गया है कि न्यायिक अधिकारी संस्थान से ‘ किसी पदक के बिना नहीं’ बल्कि इस ‘कड़वी सच्चाई’ के साथ जा रही हैं कि न्यायपालिका ने न केवल उन्हें बल्कि खुद को भी निराश किया है।

न्यायिक अधिकारी के आरोप, निचली अदालत के वरिष्ठ जज के खिलाफ उनके द्वारा छेड़ी गई लंबी लड़ाई से जुड़े हैं, जिसके दौरान उनका दावा है कि सच बोलने के लिए उन्हें ‘निरंतर उत्पीड़न’ का सामना करना पड़ा।

भाषा यासिर नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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