ठाणे, 23 दिसंबर (भाषा) ठाणे की एक अदालत ने 65-वर्षीय एक महिला को अपनी बहू और उसकी मां (बेटे की सास) की 2016 में हुई हत्या के जुर्म में सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनायी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, मुंब्रा निवासी रशीदा अकबरअली वासानी को इसकी चिंता थी कि उसका बेटा उससे ज्यादा अपनी पत्नी और सास के करीब जा रहा है तथा आरोपी को यह भी लगता था कि दोनों (बहू और उसकी मां) उसके बेटे पर जादू-टोना कर रही हैं।
छह अगस्त 2016 को रशीदा ने अपनी बहू सलमा वासानी (24) और उसकी मां शमीम शेख (54) के खाने में नशीला पदार्थ मिला दिया तथा बाद में उनकी गला रेतकर और कान काटकर बेरहमी से हत्या कर दी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, रशीदा वासानी दोनों हत्याओं की सूचना देने के लिए बाद में खुद मुंब्रा पुलिस थाने गई थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए. एन. सिरसीकर ने रशीदा को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत हत्या और अन्य अपराधों के लिए दोषी ठहराया तथा उसे ‘‘दोहरी’’ आजीवन कारावास की सजा सुनायी, साथ ही कहा कि सजाएं एकसाथ चलेंगी।
न्यायाधीश ने आदेश में कहा कि जब रशीदा वासानी ने अपनी बहू की हत्या की थी उस वक्त मृतका की बेटी महज 40 दिन की थी, जबकि उसके बेटा दो साल का था।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘उसने (दोषी ने) दो छोटे बच्चों की मां की हत्या कर दी। आरोपी किसी भी तरह की नरमी की हकदार नहीं है।’’
अतिरिक्त लोक अभियोजक रश्मि क्षीरसागर ने कहा कि मामले में 14 गवाहों से जिरह की गई।
अदालत ने मुंब्रा पुलिस थाने के कोर्ट कांस्टेबल विद्यासागर कोली के प्रयासों की सराहना भी की।
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अमित सुरेश
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