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Saturday, 25 October, 2025
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महिला चिकित्सक ‘आत्महत्या’ मामला: भाजपा विधायक ने दबाव डालने वाले सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

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छत्रपति संभाजीनगर, 25 अक्टूबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुरेश धस ने महाराष्ट्र के सातारा जिले के फलटण में ‘आत्महत्या’ करने वाली 28 वर्षीय महिला चिकित्सक पर दबाव बनाने की कथित रूप से कोशिश करने वाले एक सांसद को मामले में आरोपी बनाए जाने की शनिवार को मांग की।

बीड जिले की निवासी और एक सरकारी अस्पताल में तैनात महिला चिकित्सक बृहस्पतिवार रात फलटण के एक होटल के कमरे में फंदे से लटकी हुई मिली थी।

महिला चिकित्सक को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

बीड जिले के आष्टी से विधायक धस ने कहा, “जांच से पता चलेगा कि सांसद और उनके सहयोगी कौन हैं, जो उसे (महिला चिकित्सक) धमकाने में शामिल थे। अगर वे इसमें शामिल थे, तो चाहे वे कोई भी हों, उन्हें मामले में आरोपी बनाया जाना चाहिए।”

इस साल की शुरुआत में एक अधीनस्थ पुलिस अधिकारी ने महिला चिकित्सक के खिलाफ शिकायत की थी, जिसके कथित जवाब में उसने (महिला चिकित्सक) सतारा जिले के अधिकारियों को बताया था कि उसे अपने काम करने के तरीके को लेकर पुलिस अधिकारियों से धमकियां मिलीं और गृह जिले बीड में अपराध को लेकर भी उसे ताने सुनने पड़े।

महिला चिकित्सक के एक रिश्तेदार ने दावा किया कि उस पर अक्सर पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने और सरकारी अस्पताल में लाए गए गिरफ्तार व्यक्तियों की मेडिकल जांच रिपोर्ट में बदलाव करने का दबाव डाला जाता था।

चिकित्सक के कथित जवाब के अनुसार, एक बार एक सांसद के निजी सहायकों ने उससे फोन पर बात करने को कहा था और फिर सांसद ने उस पर एक गिरफ्तार व्यक्ति को फिटनेस प्रमाणपत्र न देने का आरोप लगाया (जिससे पुलिस उसकी हिरासत मांग सकती थी) क्योंकि वह बीड की रहने वाली थी।

धस ने महिला चिकित्सक की मौत के मामले की स्वतंत्र जांच और उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिन्होंने अतीत में उसकी शिकायतों पर संज्ञान नहीं लिया।

इस बीच, महिला चिकित्सक का शुक्रवार रात बीड की वडवानी तहसील स्थित उसके पैतृक निवास पर अंतिम संस्कार कर दिया गया।

मजलगांव के विधायक और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता प्रकाश सोलंके ने महिला चिकित्सक के परिजनों से मुलाकात की, जिन्होंने मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की मांग की।

परिजनों ने कहा कि वह (महिला चिकित्सक) मानसिक रूप से मजबूत थी और अगर उसे गंभीर उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ा होता, तो वह आत्महत्या नहीं करती।

महिला चिकित्सक के एक रिश्तेदार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उसकी एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए लिया गया तीन लाख रुपये का कर्ज अब तक चुकाया नहीं जा सका है।

उन्होंने बताया, “महिला चिकित्सक के पिता किसान हैं और वह पढ़े-लिखे नहीं हैं। मैं एक शिक्षक हूं और मैं उसे स्कूली शिक्षा के लिए बीड ले गया था। वह एमबीबीएस तक ही सीमित नहीं रहना चाहती थी, बल्कि मेडिसिन, ईएनटी या नॉन-क्लीनिकल विभाग में एमडी करना चाहती थी।”

रिश्तेदार ने बताया कि महिला चिकित्सक के परिजनों ने उससे बीड में काम करने के लिए कहा, लेकिन उसने फलटण में ही रहना चुना, ताकि वह आगे की पढ़ाई कर सके।

भाषा जितेंद्र पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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