अलीगढ़: अलीगढ़ के नगर कोतवाली पुलिस स्टेशन में एक पुलिस उप-निरीक्षक द्वारा “गलती से” सिर में गोली लगने के छह दिन बाद, गुरुवार को एक महिला की मौत हो गई.
उप-निरीक्षक, मनोज शर्मा, जिन्हें कथित तौर पर लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है, वर्तमान में फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए जानकारी देने के लिए इनाम की घोषणा की गई है.
पुलिस स्टेशन में एक क्लर्क सुदीप, जिसने कथित तौर पर उसे बंदूक सौंपी थी और घटना के बाद भाग गया था, उसे गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया.
मृतक इशरत निगार अपने पासपोर्ट वेरिफिकेशन प्रक्रिया में देरी के बारे में पूछताछ करने के लिए पिछले शुक्रवार को नगर कोतवाली पुलिस स्टेशन गई थीं.
पुलिस सूत्रों ने कहा कि शर्मा उस समय अपनी पिस्तौल लोड कर रहे थे और गलती से बंदूक चल गई.
दिप्रिंट से बात करते हुए, सर्कल ऑफिसर (शहर) अभय पांडे ने कहा कि घटना की विभागीय जांच की गई और यह पाया गया कि सुदीप पासपोर्ट वेरिफिकेशन करने के लिए ज़िम्मेदार नहीं थे और फिर भी उसने महिला को पुलिस स्टेशन बुलाया था. घटना वाले दिन उन्होंने पिस्टल निकालकर बिना मैगजीन अलग किये सब इंस्पेक्टर को दे दी थी.
निगार के बेटे, जो अपनी मां के साथ पुलिस स्टेशन गए थे, ने कथित तौर पर कहा है कि पासपोर्ट सत्यापन पर एक संक्षिप्त विवाद के बाद शर्मा ने जानबूझकर उनकी मां को गोली मार दी.
महिला को जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने गुरुवार को दम तोड़ दिया.
कथित तौर पर शर्मा पर पिछले दिनों आगरा में तैनाती के दौरान एक व्यक्ति को लात मारने का आरोप था.
पूर्व सपा विधायक ज़मीर उल्लाह खान का कहना है कि मुस्लिम समुदाय ने निगार के परिवार के लिए 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है.
(संपादन: अलमिना खातून)
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