नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) इस महीने की शुरुआत में बाल तस्करी के आरोप में गिरफ्तार की गई एक महिला ने न केवल अन्य बच्चों का अपहरण कर उन्हें बेचा, बल्कि जीविका चलाने के लिए अपने बेटे को भी बेच दिया। एक अधिकारी ने यह दावा किया।
पुलिस उपायुक्त (रेलवे) केपीएस मल्होत्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘यह खुलासा महिला की गिरफ्तारी के बाद रेलवे पुलिस द्वारा की जा रही जांच के दौरान हुआ। आरोपी 34 वर्षीय महिला आर्थिक तंगी के कारण अपने 15 महीने के बेटे और अजन्मे बच्चे को बेचने के लिए खरीदारों की तलाश कर रही थी।’
पुलिस के अनुसार महिला पिछले कई वर्षों से बाल तस्करी में संलिप्त थी और इस महीने की शुरूआत में उसे नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन से दो अपहृत बच्चों की बरामदगी के साथ गिरफ्तार किया गया था।
अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान महिला ने खुलासा किया कि उसकी पहली शादी 17 साल पहले पश्चिम बंगाल के बर्धमान में हुई थी, जहां उसके दो बेटे थे। हालांकि, महिला के पति ने उसे सात साल पहले तलाक दे दिया, जिसके बाद वह फरीदाबाद चली गई और सूरज नाम के एक व्यक्ति से शादी कर ली। दूसरी शादी के बाद उसके दो और बच्चे हुए जिसमें एक छह साल का लड़का और एक 15 महीने का बच्चा है।
डीसीपी ने बताया कि दो साल पहले महिला फरीदाबाद में एक अन्य महिला के संपर्क में आई, जिसने खुद को चिकित्सक बताया। इस महिला ने कथित तौर पर उसे बताया कि उसके पास निःसंतान दंपतियों से संबंध हैं जो गोद लेना चाहते हैं और उसे छोटे बच्चों को देने के लिए अच्छे पैसे दिलाने का आश्वासन दिया। आर्थिक तंगी से जूझ रही आरोपी ने अपने छह साल के बेटे को गोद देने का फैसला किया, जिसके लिए उसे 90,000 रुपये मिले।
उन्होंने बताया कि महिला अपने छोटे बेटे को 2 से 2.5 लाख रुपये में बेचने की योजना बना रही थी, ताकि फरीदाबाद में एक छोटा सा घर खरीद सके।
डीसीपी मल्होत्रा ने बताया, ‘जांच के दौरान हमें यह भी पता चला कि उसने अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए अपने अजन्मे बच्चे को बेचने पर भी विचार किया था। लेकिन हम पूछताछ के दौरान उसके द्वारा दी गई जानकारी की पुष्टि कर रहे हैं।’
दिल्ली पुलिस की रेलवे इकाई ने 10 फरवरी को एक बाल तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया, चार लोगों को गिरफ्तार किया और दो बच्चों को उनके चंगुल से बचाया।
भाषा शुभम आशीष
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