नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने अब जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है. इस तरह से जम्मू कश्मीर अन्य केंद्र शासित प्रदेशों की कतार में शामिल हो गया है. धारा 370 के तहत मिली जम्मू कश्मीर को मिली विशेष राज्य की शक्तियां समाप्त कर दी गई हैं.
गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को जम्मू कश्मीर को लेकर दो बिल और 4 प्रस्ताव पेश किए. इसमें कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा देने वाले प्रवधान हटा लिए गए हैं.
कैसा काम होगा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में
मोदी सरकार ने जम्मू और कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया है. जम्मू और कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है. वहीं लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है.
जम्मू और कश्मीर ऐसा केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां विधानसभा के भी चुनाव होंगे. वहीं लद्दाख का जिम्मा उपराज्यपाल संभालेंगे. लद्दाख चंडीगढ़ की तरह बगैर विधानसभा के केंद्रशासित प्रदेश होगा.
केंद्र शासित प्रदेश का जिम्मा होने के बाद से जम्मू कश्मीर अब दिल्ली की तरह हो गया है. राज्य मे चुनाव होंगे व सरकारे भी होगी, लेकिन राज्य में उपराज्यपाल का दखल काफी बढ़ जाएगा. सरकार को अब हर अनुमति उपराज्यपाल से लेनी होगी. धारा 370 के चलते राज्य की विधानसभा का कार्यकाल छह वर्ष का था, लेकिन अब पांच साल में विधानसभा चुनाव होंगे.
सरकार के इस फैसले के बाद राज्य के चुनावों में दूसरे राज्य के लोग भी उम्मीदवार बन सकते है. वहीं भारत के नागरिक वहां के नागरिक भी हो सकते है. पहले जम्मू-कश्मीर के लोगों को ही वोट का अधिकार था.
इन सब के अलावा राज्य में अब पूरी तरह से भारत का संविधान लागू होगा. जम्मू कश्मीर का अपना कोई संविधान नहीं होगा. राज्य में अब सरकार के फैसले के बाद इमरजेंसी लगाई जा सकती है. विशेषाधिकार के चलते पहले राज्य में इमरजेंसी नहीं लगाई जा सकती थी.
जम्मू कश्मीर का पहले अलग ध्वज होता था. सरकारी कार्यालयों में भारत के झंडे के साथ जम्मू-कश्मीर का झंडा भी लगा रहता था. वहा तिरंगे का अपमान करना अपराध नहीं था, लेकिन अब से जम्मू कश्मीर का राष्ट्रध्वज भी तिरंगा होगा.
राज्य के लोगों की अभी तक दोहरी नागरिकता था,लेकिन अब से जम्मू कश्मीर के रहने वाले भी भारत के नागरिक होंगे. इन सभी के अलावा राज्य के नियंत्रण में पुलिस थी. यहां राज्यपाल का पद था,लेकिन अब विशेष अधिकार भी खत्म कर दिए गए है.
भारत के कानूनी मामलों में अदालते भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई की करती है. लेकिन जम्मू कश्मीर में इसके प्रयोग नहीं होता था. यहां ‘रणबीर दंड संहिता’ लागू थी. यह राज्य में ब्रिटिश काल से ही लागू थी. अब यह भी खत्म होकर भारतीय दंड संहिता लागू होगी.
धारा 370 के हटने से जम्मू और कश्मीर में आरटीआई भी लागू होगा. इसके अलावा अब से बाहरी राज्य के लोग भी कश्मीर में नौकरी हासिल कर सकेंगे.साथ ही अब देश का कोई भी नागरिक जम्मू कश्मीर में संपत्ति भी खरीद सकेगा.
देश में एक राज्य घटेगा और दो नए केंद्र शासित राज्य बढ़ेंगे
अभी तक देश में कुल 29 राज्य है लेकिन जम्मू और कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिलना के बाद देशभर में 28 राज्य और 9 केद्र शासित प्रदेश हो जाएंगें. अब यह दोनों राज्य सरकार के अंदर होंगे. अभी तक देश में चंडीगढ़, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव, लक्ष्द्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह समेत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है.