गुवाहाटी, 28 अगस्त (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को दावा किया कि बांग्लादेश में राजनीतिक अशांति के बाद से राज्य पुलिस बल ने करीब 50 बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की है और उन्हें वापस भेज दिया है।
शर्मा ने कहा कि प्रवासी असम का उपयोग कपड़ा उद्योग में काम करने के लिए दक्षिणी शहरों तक पहुंचने के मार्ग के रूप में कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वह हाल के महीनों में इस क्षेत्र में काम पर लगने वालों की प्रामाणिकता की जांच के लिए अपने तमिलनाडु समकक्ष को पत्र लिखेंगे।
शर्मा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जब पड़ोसी देश में अशांति होती है, तो उसके दुष्परिणाम सामने आते हैं। पिछले कुछ महीनों में हमारी पुलिस ने करीब 50 अवैध बांग्लादेशियों की पहचान की है और उन्हें वापस भेजा है। इसी तरह के अभियान त्रिपुरा पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा भी चलाए जा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि करीमगंज जिले में सुरक्षा तैनाती बढ़ाई जा रही है, जहां से घुसपैठ की कोशिश हो रही है।
शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि तीन अवैध प्रवासियों को बुधवार को वापस भेज दिया गया।
उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘‘किसी भी घुसपैठ के खिलाफ हमारी सीमाओं की सुरक्षा करने की हमारी नीति के अनुरूप करीमगंज पुलिस ने बांग्लादेशी नागरिकों का पता लगाया और देर रात 12 बजकर 50 मिनट पर उन्हें वापस भेज दिया।’’
शर्मा ने कहा कि घुसपैठियों की पहचान मोहम्मद जुबैर शेख, जुएल शेख और रूमा खातून के रूप में हुई है।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा कि जो लोग भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे, वे मुस्लिम थे, जबकि यह धारणा थी कि हिंदू बांग्ला लोग भारत में प्रवास करने की कोशिश करेंगे।
उन्होंने दावा किया, ‘‘यहां कोई राजनीतिक शरणार्थी नहीं आ रहे हैं, बल्कि आर्थिक शरणार्थी घुसने की कोशिश कर रहे हैं।’’
शर्मा ने कहा कि घुसपैठिए कपड़ा उद्योग में काम करने के लिए तमिलनाडु और अन्य दक्षिणी भागों में जाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उन लोगों की पृष्ठभूमि की जांच करने को कहूंगा जो हाल ही में कपड़ा उद्योग में शामिल हुए हैं। शायद हम अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश करने वालों में से केवल 10 प्रतिशत का ही पता लगा पा रहे हैं।’’
भाषा योगेश नेत्रपाल
नेत्रपाल
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