अमरावती, 31 जनवरी (भाषा) मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की घोषणा के अनुरूप नियति के शहर और पूर्वी तट के आभूषण के नाम से चर्चित विशाखापत्तनम आंध्र प्रदेश की राजधानी के तौर पर नयी पहचान के लिए तैयार है।
दिल्ली में आयोजित होने जा रहे वैश्विक निवेश सम्मेलन की तैयारियों से संबंधित बैठक को संबोधित करते हुए जगन ने मंगलवार को कहा था कि राज्य की राजधानी विशाखापत्तनम स्थानांतरित की जाएगी और आने वाले महीनों में वह अपना कार्यालय भी बंदरगाह शहर स्थानांतरित कर देंगे।
विशाखापत्तनम को आंध्र प्रदेश की नयी राजधानी बनाने की घोषणा पर मिली जुली प्रतिक्रिया मिली है। एक धड़े ने जहां इसे सही फैसला करार दिया है वहीं अन्य ने शहर में पहले से ही मौजूदा सामाजिक मुद्दों, प्रदूषण और यातायात जाम की चुनौतियों को लेकर चिंता जताई है।
कॉन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीआरईडीएआई) की विशाखापत्तनम इकाई के पूर्व अध्यक्ष जी वी सत्यनारायण ने कहा कि विशाखापत्तनम महानगर है और यहां पर सभी आधारभूत संरचनाएं हैं इसलिए यह अच्छा फैसला है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा,‘‘ विशाखापत्तनम में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, सड़क, बंदरगाह संपर्क जैसे जरूरी आधारभूत संरचनाएं हैं जो राजधानी शहर के लिए आवश्यक है।’’
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अवकाश प्राप्त अधिकारी और केंद्र सरकार के पूर्व सचिव ईएएस शर्मा ने कहा कि वह विकेंद्रीकरण का स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ विशाखापत्तनम को राजधानी बनाने से यहां के नागरिकों पर बहुत अधिक दबाव बढ़ेगा। इससे पानी की कमी होगी, प्रदूषण बढ़ेगा और किराए में वृद्धि होगी।’’
विशाखापत्तन चेम्बर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष पी कृष्ण प्रसाद ने कहा कि शहर अच्छी तरह विकसित है और राजधानी के लिए सबसे मुफीद है।
भाषा धीरज पवनेश
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