scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमदेश'क्या सच होगा सपना!' - हरियाणा योजना विभाग ने बिल्डर को काली सूची में डाला, 5000 घर खरीददार मुश्किल में

‘क्या सच होगा सपना!’ – हरियाणा योजना विभाग ने बिल्डर को काली सूची में डाला, 5000 घर खरीददार मुश्किल में

धोखाधड़ी और फ्रॉड का आरोप लगाते हुए, हरियाणा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने माहिरा होम्स प्राइवेट लिमिटेड के लाइसेंस को निलंबित कर दिया है, साथ ही डेवलपर के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है.

Text Size:

गुरुग्राम: अपने घरों को खाली करने के लिए कहा गया, जिन्हें पिछले महीने एक ऑडिट में ‘रहने के लिए असुरक्षित’ घोषित किया गया था, गुरुग्राम के सेक्टर 109 में चिंटेल्स पैराडाइसो हाउसिंग सोसाइटी के सैकड़ों फ्लैट मालिक अभी भी अपने सपनों के घर के नुकसान से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इस पृष्ठभूमि में, हरियाणा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने किफायती आवास परियोजनाओं में कथित अनियमितताओं के लिए एक अन्य बिल्डर, माहिरा होम्स प्राइवेट लिमिटेड पर कार्रवाई की, जिससे 5,000 से अधिक घर खरीदार अधर में लटक गए हैं.

विभाग ने इस सप्ताह की शुरुआत में फर्म और उसकी सहायक कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया, उसके मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, उसके दो लाइसेंस निलंबित कर दिए और चार अन्य को कारण बताओ नोटिस जारी किए. इस कार्रवाई से माहिरा होम्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा डेवलेप की जा रही परियोजनाओं में निवेश करने वाले घर खरीदार उस घर के भविष्य के बारे में अनिश्चित हो गए जिसे वे अपना कह सकते हैं.

ऐसे ही एक घर खरीदार, विनोद कुमार, जिन्होंने सेक्टर 68 में माहिरा होम्स अफोर्डेबल कॉम्प्लेक्स में एक फ्लैट बुक किया था, ने शुक्रवार दोपहर एक व्हाट्सएप ग्रुप में अपनी पत्नी की एक तस्वीर साझा की, जिसमें वह अस्पताल के बिस्तर पर ऑक्सीजन पाइप और इंट्रावेनस ड्रिप के साथ लेटी हुई हैं. इस समूह के सदस्यों में हरियाणा नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के अधिकारी भी शामिल थे.

उन्होंने समूह में दावा किया कि ऋण की अदायगी के लिए बैंक अधिकारियों के बार-बार आने और बिल्डरों द्वारा भुगतान वापस करने से इनकार करने से परेशान होकर कुमार की पत्नी ने गुरुवार को आत्महत्या का प्रयास किया. उन्होंने कहा, “बैंक के प्रतिनिधि बार-बार आ रहे थे और हमें अपमानित कर रहे थे. रिफंड की उम्मीद भी बहुत कम थी. माहिरा होम्स के खिलाफ कार्रवाई के बाद, मेरी पत्नी ने सारी उम्मीद खो दी और बड़ा कदम उठाया.”

मुंबई में काम करने वाले सेल्समैन कुमार ने दिप्रिंट को बताया कि उन्होंने 2018 में 12.5 लाख रुपये का पर्सनल लोन लेकर फ्लैट बुक किया था और उन्होंने कहा कि पर्सनल लोन चुकाने के लिए उन्होंने पिछले साल होम लोन के लिए आवेदन किया था. उनके मुताबिक, उन्होंने बिल्डर को 14.96 लाख रुपये का भुगतान किया.

कुमार ने शुक्रवार को दिप्रिंट को बताया, “जब मैंने बिल्डर से बैंक में जमा करने के लिए प्रोजेक्ट से संबंधित कुछ दस्तावेज मांगे, तो वह उन्हें उपलब्ध कराने में वह विफल रहा और देर से भुगतान का हवाला देकर मेरा आवंटन रद्द कर दिया.”

दिप्रिंट ने कॉल के जरिए माहिरा होम्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक सिकंदर छोकर से संपर्क किया, लेकिन खबर पब्लिश होने तक उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी. प्रतिक्रिया मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा. हालांकि, उनकी कंपनी के एक प्रतिनिधि ने, जिन्होंने नाम न छापने का अनुरोध किया, कुमार के आरोपों से इनकार किया और कहा कि उनका आवंटन माहिरा होम्स द्वारा रद्द नहीं किया गया था.

उन्होंने दिप्रिंट को बताया, “रिफंड में देरी का कारण यह है कि जिस खाते से भुगतान किया जाना है, उसे हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (HRERA) ने फ्रीज कर दिया है. आज हमने उन्हें 5 लाख रुपये का भुगतान किया है और यह भी आश्वासन दिया है कि शेष राशि का भुगतान भी जल्द ही किया जाएगा.’ मैंने शाम को उनसे बात की और वह इससे खुश थे,”

हरियाणा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग द्वारा फर्म को ब्लैकलिस्ट करने के अपने आदेश में उल्लिखित कथित अनियमितताओं के बारे में पूछे जाने पर, कंपनी के प्रतिनिधि ने कहा कि वे विभाग के नोटिस पर अपना जवाब देंगे. हालांकि, उन्होंने कहा कि माहिरा होम्स ने कुछ भी गलत नहीं किया है और यह मामला जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.

इस बीच, कुमार ने पुष्टि की कि उन्हें भुगतान के बारे में कंपनी के प्रतिनिधि से फोन आया था और दावा किया कि शुक्रवार को उनके खाते में 5 लाख रुपये जमा किए गए थे.

उन्होंने कहा कि इन फ्लैटों में निवेश करने वाले अधिकांश घर खरीदार उनके जैसे वेतनभोगी लोग थे – जो 30,000 रुपये से 60,000 रुपये के बीच कमाते थे – और सभी ईएमआई और किराए का भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रहे थे.

अनिश्चितता के कारण कुछ घर खरीदारों ने शुक्रवार को जिला नगर योजनाकार के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जबकि कई लोग सोशल मीडिया पर एक अभियान चला रहे हैं, जिसमें प्रधानमंत्री, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और अन्य अधिकारियों से उनके फ्लैटों की डिलीवरी की सुविधा के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया है.

TCP आदेशों ने क्या कहा?

टीसीपी आदेश, जिसकी एक प्रति दिप्रिंट के पास है, में कहा गया है कि माहिरा होम्स प्राइवेट लिमिटेड ने सेक्टर 88बी, गुरुग्राम में एक किफायती ग्रुप हाउसिंग कॉलोनी के लिए दो लाइसेंस प्राप्त किए थे, लेकिन कथित तौर पर उनमें से एक के लिए भवन योजना को मंजूरी दिलाने में विफल रहा.

27 जून को जारी एक आदेश में टी.एल. हरियाणा के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के महानिदेशक (डीजी) सत्यप्रकाश ने कहा, “2022 का लाइसेंस नं. 09 (6.675 एकड़) और 2023 का अतिरिक्त लाइसेंस नं. 61 (3.40 एकड़) माहिरा होम्स प्राइवेट लिमिटेड को सेक्टर 88बी, गुरुग्राम में 10.075 एकड़ क्षेत्र में अफोर्डेबल ग्रुप हाउसिंग कॉलोनी को डेवलेप करने के लिए दिया गया है.

“मूल लाइसेंस का बिल्डिंग प्लान यानी 2022 की 09 (6.675 एकड़) को 10.05.2022 को मंजूरी दी गई थी, हालांकि, अतिरिक्त लाइसेंस की योजना पर बिल्डिंग प्लान अप्रूवल कमेटी (बीपीएसी) ने 11.04.2023 को हुई बैठक में विचार किया था. हालांकि, इन बिल्डिंग प्लान्स को आज तक स्वीकृत/जारी नहीं किया गया है.”

आदेश में कहा गया है कि यह संज्ञान में आया है कि “कॉलोनाइजर ने गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए), गुरुग्राम में भवन योजनाओं पर बीपीएसी के सदस्यों के हस्ताक्षर दिखाते हुए जाली और मनगढ़ंत भवन योजनाएं प्रस्तुत कीं.”

आदेश में कहा गया है, “इसके अलावा, मुख्य अभियंता, जीएमडीए, गुरुग्राम ने जाली योजनाओं के आधार पर, भवन योजनाओं की मंजूरी का पता लगाए बिना, सेवा योजना अनुमान की सिफारिश की है.”

सत्यप्रकाश ने इसे धोखाधड़ी और फ्रॉड बताते हुए बिल्डर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया और यह भी कहा कि फर्म द्वारा लाइसेंस या अनुमोदन के किसी भी आवेदन पर कार्रवाई नहीं की जाएगी.

28 जून को जारी एक अन्य आदेश में, सत्यप्रकाश ने फर्म के दो लाइसेंस निलंबित करने का आदेश दिया और कारण बताओ नोटिस जारी किया, जब विभाग ने पाया कि कंपनी ने टीसीपी कार्यालय को बैंक गारंटी देने के लिए बैंक के पास जो जमीन गिरवी रखी थी, वह कथित तौर पर पहले से ही इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के पास बंधक है.

कंपनी को सात दिन के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है.

दिप्रिंट ने कॉल और संदेशों के माध्यम से सत्यप्रकाश से संपर्क किया, लेकिन प्रकाशन के समय तक उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी. प्रतिक्रिया मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.

हालांकि, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा कि विभाग के महानिदेशक द्वारा जारी किए गए आदेश “बोलने वाले आदेश” हैं (वह आदेश जो खुद के ही बारे में अपनी कहानी बताता है) और उसमें हर चीज़ का उल्लेख है.

इस बीच, आर.एस. गुरुग्राम में जिला नगर योजनाकार कार्यालय के एक अधिकारी बाथ ने शुक्रवार को व्हाट्सएप ग्रुप पर माहिरा होम्स सेक्टर 68 के घर खरीदारों से संपर्क किया और माहिरा होम्स सेक्टर 68 के घर खरीदारों के पांच प्रतिनिधियों को मंगलवार या बुधवार तक वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से डीजी के साथ जोड़ने की पेशकश की ताकि उनकी चिंताओं का समाधान किया जा सके.

कुमार अकेले नहीं

एक घर खरीददार ध्रुव कपूर के अनुसार, सेक्टर 68 में बिल्डर की परियोजना में 1,497 लोगों ने; सेक्टर 104 में 1,483; सेक्टर 103 में 800; सेक्टर 95 में 876; और सेक्टर 63-ए में 636 निवेश किया है. हालांकि, दिप्रिंट स्वतंत्र रूप से संख्याओं की पुष्टि नहीं कर सका.

कपूर ने कहा, “हम इन परियोजनाओं में अपने घरों की प्रतीक्षा कर रहे हैं. हम अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि ये फ्लैट जल्द ही बनाए जाएं ताकि हमें अपना सही घर मिल सके,”

एक अन्य घर खरीदार, गौरव गुप्ता ने कहा कि उन्हें ईएमआई और किराया दोनों का एक साथ भुगतान करना पड़ रहा है, लेकिन उन्हें अभी भी उम्मीद है कि किसी दिन उनके पास घर होगा.

उन्होंने दिप्रिंट को बताया, “यह हमारे लिए बहुत कठिन है, लेकिन हम किसी तरह मैनेज कर रहे हैं. हमें बस यही उम्मीद है कि अपना घर लेने का हमारा सपना सच हो जाएगा, लेकिन वर्तमान में, मेरा परिवार बहुत तनाव में है,”.

माहिरा होम्स अफोर्डेबल होम्स प्रोजेक्ट में घर खरीदारों की कानूनी सलाहकार रितु भारिओक से जब दि प्रिंट ने शुक्रवार को संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि ज्यादातर घर खरीदार निम्न मध्यमवर्गीय पृष्ठभूमि से हैं और उन्होंने बैंक ऋण से बिल्डर को किश्तें चुकाईं.

उन्होंने कहा, “जब तक अधिकारी कोई शीघ्र समाधान नहीं ढूंढते, जिन परिवारों ने सपनों के घर की उम्मीद में अपनी मेहनत की कमाई इन परियोजनाओं पर निवेश की है, वे संकट में रहेंगे.”

(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


यह भी पढ़ेंः


 

share & View comments