चेन्नई, 21 अप्रैल (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सोमवार को पूछा कि क्या केंद्र सरकार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस रुख का समर्थन करती है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत राज्य में मराठी के अलावा कोई अन्य भाषा तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य नहीं है?
स्टालिन ने कहा कि हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू करने पर भारी आलोचना का सामना करने के बाद, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने अब दावा किया है कि राज्य में केवल मराठी भाषा अनिवार्य है।
स्टालिन ने कहा, ‘‘यह गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने के खिलाफ व्यापक निंदा के बाद उनकी घबराहट को साफ तौर पर दिखाता है।’’
स्टालिन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या केंद्र सरकार आधिकारिक तौर पर फडणवीस के इस रुख का समर्थन करती है कि एनईपी के तहत तीसरी भाषा के रूप में महाराष्ट्र में मराठी के अलावा कोई अन्य भाषा अनिवार्य नहीं है।
उन्होंने पूछा, ‘‘यदि ऐसा है, तो क्या केंद्र सरकार सभी राज्यों को स्पष्ट निर्देश जारी करेगी कि एनईपी में तीसरी भाषा को अनिवार्य रूप पढ़ाने की आवश्यकता नहीं है?’’
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि केंद्र को 2,152 करोड़ रुपये तमिलनाडु को जारी करने चाहिए, जो उसने इस आधार पर अनुचित रूप से रोके हुए हैं कि राज्य को अनिवार्य तीसरी भाषा की शिक्षा पर सहमति देनी होगी।
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नोमान खारी
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