नई दिल्ली: रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने शनिवार को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. शनिवार की रात लगभग 9:45 बजे मीडिया को संबोधित करते हुए, पहलवान विनेश फोगाट ने कहा कि वे और अन्य जंतर-मंतर पर “बड़ी मुश्किल से” बैठी हैं.
राष्ट्रमंडल और एशियाई दोनों खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान 28-वर्षीय फोगाट ने कहा, “सरकार ने हम पर समझौता करने के लिए दबाव डाला, लेकिन हम समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं.”
नए संसद भवन के पास एक महिला महापंचायत आयोजित करने के उनके फैसले का उल्लेख करते हुए, फोगाट ने कहा कि “सर्व-महिला पंचायत होगी”.
उन्होंने कहा कि सरकार ने महापंचायत में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंचने की कोशिश कर रहे लोगों को रोकने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है, जो आयोजकों के अनुसार आधिकारिक उद्घाटन समारोह समाप्त होने के बाद ही आयोजित किया जाएगा.
यह आरोप लगाते हुए कि पुलिस व्यक्तियों को सभी महिला महापंचायत में शामिल होने से रोकने के लिए हिरासत में ले रही है, फोगाट ने समर्थकों से राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने की अपील की, लेकिन साथ ही कहा कि कोई भी किसी भी तरह की हिंसा में शामिल न हो.
उन्होंने कहा, “जो कुछ भी होगा हम उसे बर्दाश्त करेंगे, लेकिन हिंसा में लिप्त हुए बिना. सभी को (महापंचायत स्थल) पहुंचना है. यह महिलाओं के सम्मान के बारे में है.”
फोगाट ने साथी पहलवानों साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के साथ मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने कहा, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आगे की कार्रवाई की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी “सच्चाई के लिए लड़ रहे हैं”.
उन्होंने कहा, “हम आखिरी सांस तक डटे रहेंगे.”
प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में फोगाट ने कहा, “ऐसी कई अफवाहें चल रही हैं कि खिलाड़ियों ने समझौता किया है. हमारी सरकार से बातचीत हुई थी और समझौते के लिए दबाव डाला जा रहा था, लेकिन हमारी एक ही मांग थी कि बृजभूषण को गिरफ्तार किया जाए और हम उस मांग पर अड़े रहेंगे. हमने समझौता नहीं किया है और महिलाओं के सम्मान के लिए लड़ रहे हैं और लड़ते रहेंगे.”
इसके बाद उन्होंने समर्थकों, विशेषकर महिलाओं से रविवार को “बड़ी संख्या” में नए संसद भवन के पास सर्व-महिला महापंचायत में भाग लेने की अपील की.
उन्होंने कहा, “जो कोई भी शामिल होने आ रहा है, आपको शांतिपूर्ण रहना होगा और किसी भी हिंसा में शामिल नहीं होना है. बहुत सारे लोग न्याय के लिए हमारी लड़ाई को खत्म करना चाहते हैं या हमारी आवाज़ को दबाना चाहते हैं और हम नहीं चाहते कि ऐसा हो. हम लड़ रहे हैं और अपनी आखिरी सांस तक लड़ते रहेंगे.”
बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पहलवान जंतर-मंतर पर 23 अप्रैल से धरना दे रहे हैं, जिन पर एक नाबालिग सहित कम से कम सात महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है.
हालांकि, सिंह आरोपों से इनकार करते रहे हैं, दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की हैं. पहला एक नाबालिग द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों से संबंधित है और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है, जबकि दूसरा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत एक औरत की शील भंग करने के लिए दायर किया गया है.
पहलवानों के विरोध के जवाब में, सिंह ने 5 जून को अयोध्या में एक रैली आयोजित करने की योजना बनाई है और इससे पहले मीडिया से बातचीत में दावा किया कि पोक्सो अधिनियम का “बच्चों, बुजुर्गों और संतों के खिलाफ दुरुपयोग किया जा रहा है”.
उन्होंने कहा, “द्रष्टाओं के नेतृत्व में सरकार को बदलने के लिए मजबूर किया जा रहा है”. अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताते हुए सिंह ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि अयोध्या में रैली में 11 लाख संत हिस्सा लेंगे.
(संपादनः फाल्गुनी शर्मा)
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