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Sunday, 29 September, 2024
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कन्हैया के खिलाफ राजद्रोह मामले में ‘कानूनी और राजनीतिक’ लड़ाई लड़ेंगे: भाकपा

दिल्ली सरकार ने राजद्रोह के चार साल पुराने मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और नौ अन्य लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली पुलिस को शुक्रवार को मंजूरी दे दी थी.

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नई दिल्ली : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने शनिवार को कहा कि वह अपने नेता कन्हैया कुमार के खिलाफ राजद्रोह मामले में ‘कानूनी और राजनीतिक’ दोनों तरह से लड़ाई लड़ेगी.

भाकपा ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने ‘राजनीतिक दबाव के आगे घुटने टेक दिए.’

दिल्ली सरकार ने राजद्रोह के चार साल पुराने मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और नौ अन्य लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली पुलिस को शुक्रवार को मंजूरी दे दी थी. आम आदमी पार्टी ने इस मामले में कार्यवाही अवरुद्ध करने के भाजपा के आरोपों को खारिज किया.

कन्हैया कुमार ने इस मामले में अपनी सफाई देते हुए कहा था कि, यह स्पष्ट है कि इस मामले को राजनीतिक लाभ के लिए विलंब किया गया मैं एक फास्ट-ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल चाहता हूं. ताकि पूरे देश को पता चले कि कैसे सेडिशन जैसे कानून का दुरुपयोग हो रहा है.

उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा , दिल्ली सरकार को सेडिशन केस की परमिशन देने के लिए धन्यवाद. दिल्ली पुलिस और सरकारी वक़ीलों से आग्रह है कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए, फॉस्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हो और टीवी वाली ‘आपकी अदालत’ की जगह क़ानून की अदालत में न्याय सुनिश्चित किया जाए. सत्यमेव जयते.

भाकपा ने एक बयान में कहा, ‘पार्टी का राष्ट्रीय सचिवालय, पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ राजद्रोह के आरोपों को लेकर कानूनी और राजनीतिक रूप से लड़ाई लड़ेगा.’

बयान में कहा गया है, ‘पार्टी को भरोसा है कि कन्हैया कुमार बेगुनाह साबित होंगे क्योंकि ये आरोप झूठे और राजनीति से प्रेरित हैं.’


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इसमें कहा गया है कि पार्टी का मानना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने ‘राजनीतिक दबाव के आगे घुटने टेक दिए और कुमार के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी.’

बयान में कहा गया है, ‘मुख्यमंत्री (केजरीवाल) ने शुरू में खुद कहा था कि कन्हैया के खिलाफ राजद्रोह का कोई मामला नहीं है और वीडियो से छेड़छाड़ की गई है. हमें अभी तक पता नहीं चला है कि अचानक उनका हृदय परिवर्तन क्यों हो गया.’

इसमें कहा गया है, ‘पार्टी राजद्रोह के झूठे मामले में कन्हैया कुमार को फंसाए जाने के कदम का विरोध करती है और अपनी सभी इकाइयों से इस कदम के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से विरोध जताने का आह्वान करती है.’

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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