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रविवार, 15 जून, 2025
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‘रेड लाइट ऑन’ अभियान पर उपराज्यपाल को सभी सवालों के जवाब देंगे, फाइल फिर से जमा करेंगे : राय

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नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को कहा कि दिल्ली सरकार ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान पर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा उठाए गए सभी सवालों का जवाब देगी और उनकी मंजूरी के लिए फाइल फिर से जमा करेगी।

इससे पहले सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फाइल लौटा दी और उनसे अभियान पर पुनर्विचार करने को कहा। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के उच्च स्तर के मद्देनजर इस तरह के ‘अस्थायी’ उपायों पर भी सवाल उठाया।

राय ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम उपराज्यपाल द्वारा उठाए गए सभी सवालों के लिखित जवाब देंगे और फाइल (मंजूरी के लिए) फिर से जमा करेंगे…हमें उम्मीद है कि वह जल्द ही इस मुद्दे पर सकारात्मक निर्णय लेंगे।’’

राय ने सक्सेना पर दिल्ली के निवासियों के जीवन से जुड़े मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘उपराज्यपाल ने यह कहते हुए फाइल लौटा दी है कि दिल्ली सरकार ने पिछले दो वर्षों में अभियान के प्रभाव का पता लगाने के लिए कोई अध्ययन नहीं कराया। हमने सभी उपलब्ध सूचनाओं का सावधानीपूर्वक अध्ययन करने के बाद 2020 और 2021 में अभियान चलाया।’’

मंत्री ने कहा कि केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि दिल्ली में 950 ट्रैफिक सिग्नल पर हर दिन 9,036 लीटर डीजल, पेट्रोल और एलपीजी और 5,461 किलोग्राम सीएनजी बर्बाद हो जाती है।

राय ने कहा कि एक पर्यावरण अनुसंधान संगठन ‘अर्बनएमिशंसडॉट इन्फो’ द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि 17,000 टन से अधिक पीएम 10 पुणे में ट्रैफिक सिग्नल पर उत्सर्जित होता है। मंत्री ने कहा, ‘‘दिल्ली में पुणे से वाहनों की संख्या चार से पांच गुना अधिक है, जिसका मतलब है कि 60,000 से 70,000 टन पीएम 10 दिल्ली में ट्रैफिक सिग्नल पर उत्सर्जित होता है।’’ उन्होंने कहा कि अभियान शुरू करने का उद्देश्य इस उत्सर्जन को कम करना है।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार ने पूर्व में उपराज्यपाल पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी से वह 28 अक्टूबर को अभियान की शुरुआत को स्थगित करने के लिए मजबूर हुई है। हालांकि, उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने दावा किया कि गोपाल राय ने झूठ बोला था क्योंकि मुख्यमंत्री द्वारा भेजी गई फाइल में अभियान शुरू करने की तारीख 31 अक्टूबर बताई गई थी।

राष्ट्रीय राजधानी में वाहनों के प्रदूषण को कम करने के लिए पहली बार 16 अक्टूबर, 2020 को शुरू किए गए अभियान के तहत, ड्राइवरों को ट्रैफिक लाइट के हरे होने की प्रतीक्षा करते हुए अपने वाहनों को बंद करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (पीसीआरए) के आंकड़ों से पता चलता है कि अगर लोग ट्रैफिक सिग्नल पर इंजन बंद कर देते हैं, तो प्रदूषण में 15-20 प्रतिशत तक की कटौती की जा सकती है।

भाषा आशीष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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