नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी के वन्यजीव एवं पुलिस अधिकारियों से संकटग्रस्त पक्षियों को बचाने के लिए एक तंत्र विकसित करने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश डी. के. उपाध्याय की अध्यक्षता वाली पीठ ने ‘सेव इंडियन फाउंडेशन’ की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। याचिका में, संकटग्रस्त पक्षियों को बचाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार के वन एवं वन्यजीव विभाग के समक्ष विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत कर अपनी शिकायतें प्रस्तुत करें, जिस पर प्राधिकारी तीन महीने के भीतर विचार करेंगे। पीठ में न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला भी शामिल थे।
उच्च न्यायालय ने 17 फरवरी को पारित अपने आदेश में कहा, “याचिकाकर्ता – सेव इंडियन फाउंडेशन – द्वारा अपने अभ्यावेदन में की जाने वाली प्रार्थनाओं या सुझावों पर विचार करते हुए… प्रतिवादी संख्या 1 (वन और वन्यजीव विभाग, दिल्ली सरकार) और प्रतिवादी संख्या 3 (दिल्ली पुलिस) के अधिकारी दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में संकटग्रस्त पक्षियों को बचाने के लिए अपेक्षित उपाय करने हेतु एक उपयुक्त तंत्र विकसित करेंगे।”
अदालत ने स्पष्ट किया कि अधिकारी याचिका पर विचार करते समय दिल्ली सरकार के पशु कल्याण बोर्ड जैसे किसी अन्य विशेषज्ञ निकाय से सहयोग और परामर्श ले सकते हैं।
भाषा प्रशांत अविनाश
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