भोपालः मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश सरकार ने भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों की विधवाओं को 1,000 रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त पेंशन देने का फैसला किया है.
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता मिश्र ने मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, ‘यह राशि भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों की विधवाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अतिरिक्त दी जाएगी.’ उन्होंने कहा कि इस मामले में वित्त विभाग की आपत्ति के बावजूद सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है.
मिश्रा ने बताया कि कमलनाथ के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2019 में यह अतिरिक्त पेंशन रोक दी थी.
उन्होंने बताया कि इससे पहले भाजपा सरकार ने वर्ष 2013 में यह पेंशन शुरु की थी और अब मौजूदा भाजपा सरकार ने इसे फिर से देने का फैसला किया है.
मध्यप्रदेश सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए गैर सरकारी संगठन भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने कहा, ‘पिछले एक साल में कई घोषणाएं की गई हैं, लेकिन इन विधवाओं को अभी तक उनके खाते में एक भी रुपया नहीं मिला है.’ उन्होंने दावा किया कि गैस त्रासदी पीड़ितों की विधवाओं को दिसंबर 2019 से उनकी पेंशन नहीं मिली है इसलिए उनके बकाया का तुरंत भुगतान करने की आवश्यकता है.
ढींगरा ने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों की जरूरतों पर समझ की कमी के कारण गैस राहत विभाग की नीति में कोई स्पष्टता नहीं है.
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के कीटनाशक संयंत्र से दो-तीन दिसंबर 1984 की मध्य रात्रि को मिथाइल आइसोसाइनेट के रिसाव से शहर के 15 हजार से अधिक लोग मारे गए थे और पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए.
यह भी पढ़ेंः असामयिक मौतों को रोकिए, कोविड से जान गंवाने वालों के परिजनों को मुआवज़ा मिलना ही चाहिए (theprint.in)