लखनऊ, आठ सितंबर (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार की शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पलटवार करते हुए कहा कि “जानेवालों” की बात का क्या बुरा मानना।
योगी आदित्यनाथ ने रविवार को दिन में अंबेडकर नगर की एक सभा में अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए उनकी आलोचना की थी।
सपा प्रमुख यादव ने रविवार की शाम मुख्यमंत्री योगी का नाम लिए बिना संकेतों में पलटवार किया। यादव ने सोशल मीडिया मंच “एक्स” पर एक पोस्ट में कहा, “जिनकी अपने दल में कोई सुनवाई नहीं, उनकी बातें कौन सुने, वैसे भी जानेवालों की बात का क्या बुरा मानना।”
सपा प्रमुख ने इसी पोस्ट में महोबा में एक क्रशर कारोबारी की मौत के मामले में लंबे समय तक फरार रहे बर्खास्त आईपीएस मणिलाल पाटीदार समेत कई मामलों की ओर इशारा करते हुए कहा, “जिनके शासन काल में महीनों आईपीएस अधिकारी फरार रहा हो, पंद्रह लाख प्रतिदिन की कमाई वाले थानों की चर्चा हो, भाजपाई खुद ही पुलिस का अपहरण कर रहे हों और दंड संहिता की जगह बुलडोजर संहिता ने ले ली हो, ‘कानून-व्यवस्था’ शब्द बनकर रह गये हों, न्यायालय की डपट खाना जिनकी आदत बन गयी हो, वो मौन ही रहें तो बेहतर है।”
मुख्यमंत्री योगी ने रविवार को अंबेडकर नगर में विकास परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास के बाद अपने संबोधन में सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा, ”सरकार चलाने के लिए जज्बा चाहिए। सरकार चलाने के लिए दिल भी चाहिए और दिमाग भी। सत्ता विरासत में मिल सकती है मगर बुद्धि नहीं मिलती।”
योगी ने यह भी कहा कि सपा के शासनकाल में गुंडे और माफिया तत्व अपनी ‘समानांतर’ सरकार चलाते थे और गुंडे पुलिस को दौड़ाते थे मगर 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद से मामला पलट चुका है और दुस्साहस करने पर अपराधियों का तत्काल ‘राम नाम सत्य’ भी तय हो जाता है।
उन्होंने कहा, ”जो लोग सत्ता को अपनी बपौती मानते थे वे आज समझने लगे हैं कि अब उत्तर प्रदेश में कभी उनको वापस नहीं आना है इसलिए वे षड्यंत्र करने का प्रयास कर रहे हैं। अराजकता पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। उनका विकास से और बेटियों तथा व्यापारियों की सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है।”
भाषा
आनन्द, रवि कांत
रवि कांत
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