नई दिल्ली: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) माले की छात्र इकाई ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आईसा) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के दौरे से पहले उसके कार्यकर्ताओं को उनके घरों के अंदर ‘‘हिरासत में’’ रखा गया और उन्हें बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई.
हालांकि, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी भी छात्र को नज़रबंद नहीं किया गया है.
आईसा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अभिज्ञान ने कहा,‘‘प्रधानमंत्री की यात्रा का हवाला देते हुए मुझे और आईसा डीयू सचिव अंजलि को हमारे फ्लैट में हिरासत में रखा गया है और हमें परिसर में जाने की अनुमति नहीं दी गई है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें कोई वारंट या आदेश नहीं दिखाया गया और हमें नहीं मालूम कि वे यहां कितने समय तक रहेंगे.’’
अंजलि ने अपने फ्लैट के बाहर पुलिस की वर्दी में बैठे लोगों की दो तस्वीरें भी ट्विटर साझा कीं.
अंजलि ने भी ट्विटर पर लिखा, ‘‘कॉमरेड अभिज्ञान और मुझे हमें हमारे फ्लैट पर रोका जा रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री कैंपस में आ रहे हैं!’’
उन्होंने पीएम को ट्विटर पर टैग करते हुए पूछा,‘‘क्यों नरेंद्र मोदी हमसे इतना डरते हो?’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘एक पीएम को जवाबदेही से बचाने के लिए पूरा परिसर पुलिस छावनी में तब्दील! दिल्ली पुलिस को शर्म आनी चाहिए!’’
Comrade @abhigyan_AISA and I, we are being held at our flat because PM is coming to campus!
Why is @narendramodi so afraid of us?
Whole campus turned into police cantonment to protect a PM from accountability!
Shame on Delhi police! pic.twitter.com/optyfBJWVL
— Anjali (@anjali__27) June 30, 2023
मोदी डीयू के शताब्दी समारोह की अध्यक्षता करने के लिए आज दिल्ली विश्वविद्यालय गए. इससे पहले, उन्होंने नॉर्थ कैंपस जाने के लिए दिल्ली मेट्रो में यात्रा की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय का दौरा करने के लिए शुक्रवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी में लोक कल्याण मार्ग मेट्रो स्टेशन से विश्व विद्यालय मेट्रो स्टेशन तक मेट्रो की सवारी की.
स्थापना के 100 साल पूरे होने पर दिल्ली विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि डीयू सिर्फ एक विश्वविद्यालय नहीं है, यह एक आंदोलन है और इसने हर आंदोलन में जान डाल दी है.
उन्होंने कहा, “जब देश आजादी के 75 साल का जश्न मना रहा है, तब दिल्ली विश्वविद्यालय ने 100 साल पूरे कर लिए हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय सिर्फ एक विश्वविद्यालय नहीं है, बल्कि एक आंदोलन है. इस विश्वविद्यालय ने हर आंदोलन को जीया है और हर आंदोलन में जान डाली है.”
देश में बेहतर लिंगानुपात पर प्रकाश डालते हुए पीएम ने कहा कि आज दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या लड़कों से ज्यादा है.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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