नई दिल्ली: राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने हिजाब विवाद को लेकर मुस्लिम समुदाय पर निशाना साधा है.
बुधवार को अपने एक ट्वीट में स्वामी ने कहा, ‘हिजाब विवाद को लेकर मुस्लिम छात्र कक्षाओं का बहिष्कार कर रहे हैं और कह रहे हैं कि पढ़ाई से पहले हिजाब.’
उन्होंने कहा, ‘ये सब देखकर मैं सोच रहा हूं कि उनके दादा लोगों ने पाकिस्तान जाने के बजाए भारत में रहना क्यों चुना. जहां हिजाब को प्राथमिकता मिलती है.’
After seeing the Hijab controversy which is making Muslims boycott classes saying "First hijab and then studies", I am wondering why their grandfathers chose to stay in India rather than go to Pakistan, where they could get effortlessly "hijab first".
— Subramanian Swamy (@Swamy39) February 16, 2022
सुब्रमण्यम स्वामी का ये बयान उस वक्त आया है जब कर्नाटक के उडुपी में हिजाब पहनकर क्लास में जाने वाली छात्राओं को रोका गया था, जिसके बाद ये विवाद शुरू हुआ.
इस विवाद के कारण राज्य सरकार को कई दिनों तक स्कूलों और कॉलेज को बंद भी करना पड़ा और इस मामले की सुनवाई कर्नाटक हाई कोर्ट में चल रही है. गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार ने राज्य में स्कूल खोल दिए हैं.
नागराजन नाम के एक ट्विटर यूज़र ने स्वामी के पोस्ट को नफरत फैलाने वाला बताया और कहा कि एक पढ़े लिखे व्यक्ति से इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती. इस पर जवाब देते हुए स्वामी ने कहा, ये कैसे नफरत भरा है. ‘पहले हिजाब’ वाले मुस्लिमों ने पाकिस्तान को न चुनकर भारत में रहने का फैसला कर अपना ही नुकसान किया है.
How this hate? "Hijab first" Muslims have harmed themselves by staying India and not opting for Pakistan where Hijab is indeed first then studies.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) February 16, 2022
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पाकिस्तान और ओआईसी भी दे चुका है प्रतिक्रिया
कर्नाटक में हिजाब पहनने वाले छात्रों के विरोध में भगवा गमछा पहने हुए छात्रों ने प्रदर्शन किया जिसके बाद ये मामला और भी बढ़ गया.
भारत में हिजाब विवाद को लेकर पाकिस्तान की तरफ से भी प्रतिक्रियाएं आई हैं और पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिक को बुलाकर अपना विरोध भी जताया है.
वहीं इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने भी इस मामले पर अपनी चिंता जताई थी. ओआईसी के महासचिव ने कहा था कि मुस्लिम महिलाओं को ऑनलाइन निशाना बनाया जा रहा है और इन मामलों को लेकर जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए.
इन आलोचनाओं को खारिज करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि देश के आंतरिक मामलों पर ‘किसी अन्य मकसद से प्रेरित टिप्पणियां’ स्वीकार्य नहीं है.
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