बेंगलुरु, दो जुलाई (भाषा) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने घर-घर नेत्र देखभाल प्रदान करने वाली कर्नाटक की ‘आशा किरण’ पहल में रुचि व्यक्त की है तथा इसकी सफलता की कहानी को अन्य देशों और क्षेत्रों के साथ साझा करने की योजना बना रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस कार्यक्रम को और अधिक सुदृढ़ बनाने तथा अन्य क्षेत्रों के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि और सर्वोत्तम पद्धतियां उत्पन्न करने के लिए इस पहल का व्यापक मूल्यांकन करने का प्रस्ताव दिया है, जिसका उद्देश्य एकीकृत, जन-केंद्रित नेत्र देखभाल को लागू करना है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव हर्ष गुप्ता को लिखे पत्र में भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. रोडेरिको एच. ऑफरिन ने ‘आशा किरण’ पहल की संकल्पना और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार की सराहना की।
उन्होंने लिखा, “आपके नेतृत्व में शुरू किया गया यह अभिनव मॉडल, टाले जा सकने वाली दृष्टिबाधिता को खत्म करने और राज्य भर में व्यापक नेत्र देखभाल तक समान पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है। हम विशेष रूप से इस बात से उत्साहित हैं कि कैसे ‘आशा किरण’ डब्ल्यूएचओ के एकीकृत जन-केंद्रित नेत्र देखभाल (आईपीईसी) ढांचे के साथ संरेखित है।”
इसके प्रभाव और व्यापक स्तर पर लागू किए जाने की संभावना को देखते हुए, डब्ल्यूएचओ ने राज्य के मॉडल को विधिवत दस्तावेजीकृत करने में गहरी रुचि दिखाई है।
डब्ल्यूएचओ ने इस प्रक्रिया के समन्वय के लिए एक नोडल अधिकारी को नामित करने का अनुरोध किया है।
भाषा प्रशांत पवनेश
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