गुरुग्राम: अमेरिका से हरियाणा पुलिस के अनुरोध पर डिपोर्ट किया गया लखविंदर सिंह कौन है?
शनिवार देर रात इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हथकड़ी लगाकर उतारे गए करीब 50 युवाओं में से एक, लखविंदर सिंह हरियाणा का सबसे वांछित गैंगस्टर है.
लखविंदर सिंह उर्फ लक्खा कई हाई-प्रोफाइल आपराधिक नेटवर्क से जुड़ा रहा है, खासकर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से. वह 2022 में अवैध रास्तों से अमेरिका भाग गया था.
हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने बताया, “लखविंदर सिंह उर्फ लखा 2022 से अमेरिका से अनमोल बिश्नोई के निर्देश पर काम कर रहा था और हरियाणा व पंजाब में रंगदारी व फायरिंग से जुड़े करीब एक दर्जन मामलों में सक्रिय रूप से शामिल था.”
उसके खिलाफ हरियाणा और पंजाब के पांच जिलों — सोनीपत, रोहतक, यमुनानगर, कैथल और अंबाला — में 13 से अधिक एफआईआर दर्ज हैं. आरोपों में हत्या के प्रयास, रंगदारी, अवैध हथियार रखना, फायरिंग और धमकाना शामिल हैं.
30 वर्षीय लखा, जो जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई का करीबी है, हरियाणा के कैथल जिले के तित्रम गांव का रहने वाला है.
2023 में उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर और 2024 में इंटरपोल के जरिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था. उसके भारत पहुंचने पर हरियाणा स्पेशल टास्क फोर्स की अंबाला यूनिट ने उसे एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया. अधिकारियों ने इसे “ट्रांसनेशनल गैंग केस में अमेरिका से पहली प्रत्यर्पण कार्रवाई” बताया.
हरियाणा पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी को “संगठित अपराध के खिलाफ बड़ी सफलता” बताया है.
हरियाणा डीजीपी ओ.पी. सिंह ने रविवार को सोशल मीडिया पर लिखा, “संगठित अपराध के खिलाफ एसटीएफ की बड़ी सफलता. एक और भगोड़ा और गद्दार को अमेरिका से हरियाणा पुलिस ने घसीटकर वापस लाया. कई राज्यों में रंगदारी और फायरिंग मामलों में वांछित था.”
सिंह ने हरियाणा एसटीएफ एसपी विक्रांत भूषण का वीडियो भी साझा किया, जिसमें भूषण ने बताया कि यह गिरफ्तारी हरियाणा एसटीएफ, एफबीआई और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग का नतीजा है. उन्होंने कहा, “हमने इस साल की शुरुआत में उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया था, जिससे अमेरिका में उसकी गिरफ्तारी संभव हुई.”
दिप्रिंट से सोमवार को बातचीत में भूषण ने बताया कि लखा को 25 अक्टूबर 2025 को एफबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद अमेरिका से प्रत्यर्पित किया गया.
रविवार को एसटीएफ ने उसे अंबाला कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे आठ दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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