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Sunday, 24 November, 2024
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कौन हैं इंडिया की ‘रॉकेट वुमन’ ऋतु करिधाल और चंद्रयान-3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वीरा मुथुवेल

जानते हैं चंद्रयान-3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरामुथुवेल और भारत की रॉकेट वुमन कही जाने वाली ऋतु करिधाल के बारे में.

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नई दिल्लीः भारत आज चंद्रयान-3 लॉन्च करने वाला है. इसके लिए सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. लेकिन इसकी अगुवाई डॉ. ऋतु करिधाल कर रही हैं जिनको कुछ लोग भारत की ‘रॉकेट वूमन’ भी कहते हैं. चंद्रयान-3 के लॉन्च में ऋतु करिधाल और इसके प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी. वीरामुथुवेल की महत्त्वपूर्ण भूमिका है.

आइए जानते हैं उनके बारे में-

ऋतु करिधाल इस वक्त चंद्रयान-3 की मिशन डायरेक्टर हैं और जानकारी के मुताबिक चंद्रमा पर लैंडिंग की ज़िम्मेदारी उन्हें ही सौंपी गई है. इसके पहले भी डॉ. ऋतु कई महत्त्वपूर्ण ज़िम्मेदारियां निभा चुकी हैं. मंगलयान मिशन के दौरान उन्हें डिप्टी डायरेक्टर थीं जबकि चंद्रयान-2 के लॉन्च के वक्त भी वह मिशन डायरेक्टर थीं.

लखनऊ की बेटी हैं ऋतु

ऋतु करिधाल लखनऊ के राजाजीपुरम की रहने वाली हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई लखनऊ के सेंट इग्नीस स्कूल में हुई . इसके बाद उन्होंने नवयुग कन्या विद्यालय से पढ़ाई की. लखनऊ यूनिवर्सिटी से M.Sc. करने के बाद उन्होंने इंडियन इन्स्टीट्यूट ऑफ साइंस बैंगलुरु से एरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. जानकारी के मुताबिक उन्होंने 1997 में इसरो ज्वाइन किया.

ISRO ज्वाइन करने के लिए छोड़ दी थी PhD

M.Tech करने के बाद ऋतु करिधाल ने पीएचडी करनी शुरू कर दी और एक कॉलेज में पार्ट टाइम पढ़ाने भी लगीं. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक इस बीच 1997 में उन्होंने इसरो में अप्लाई किया और उनका सेलेक्शन हो गया. परेशानी यह थी कि पीएचडी के साथ वह इसरो नहीं ज्वाइन कर सकती थीं. वह पीएचडी छोड़ना नहीं चाहती थीं लेकिन बाद में उन्होंने अपने प्रोफेसर के समझाने पर ज्वाइन कर लिया.

मिल चुके हैं कई अवॉर्ड

ऋतु करिधाल को यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड, इसरो टीम अवॉर्ड मिल चुके हैं. इसके अलावा उन्हें एएसआई अवॉर्ड, सोसायटी ऑफ इंडिया एयरोस्पेस टेक्नॉलजी एंड इंडस्ट्रीज़ एयरोस्पेस वूमन अवॉर्ड दिया जा चुका है.

इसके अलावा पी.वीरा मुथुवेल इस प्रोजेक्ट मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं, जिनकी भूमिका भी चंद्रयान-3 लॉन्च में काफी महत्त्वपूर्ण है.

चंद्रयान-3 मिशन के लॉन्च होने पर मिशन डायरेक्टर ऋतु करिधाल के परिवार वाले खुशियां मनाते हुए. इस मौके पर उनके भाई रोहित करिधाल ने कहा कि यह काफी खुशी का क्षण है. टीम इसरो के साथ हमारी पूरी शुभकामनाएं हैं. अपनी बहन पर हमें बहुत गर्व है.

 

कौन हैं पी.वीरा मुथुवेल

वीरामुथुवेल तमिलनाडु के विल्लुपुरम एरिया के रहने वाले हैं. जानकारी के मुताबिक उनके पिता दक्षिणी रेलवे में टेक्नीशियन के रूप में काम करते थे. उन्होंने विल्लुपुरम के रेलवे स्कूल में काम किया. इसके बाद उन्होंने एक प्राइवेट पॉलीटेक्निक कॉलेज से मेकैनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया. लेकिन स्पेस साइंस में उनकी शुरू से ही रुचि थी. उन्होंने आआईटी चेन्नई इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और एयरोस्पेस फील्ड में रिसर्च किया. इसरो उन्होंने 1989 में ज्वाइन किया. यह पूरा का पूरा प्रोजेक्ट उन्हीं का ब्रेन चाइल्ड है. इसरो में उनका 30 सालों का अनुभव है.

चंद्रयान-2 मिशन फेल होने के बाद उन्होंने एम वनिता का स्थान प्रोजेक्ट डायरेक्ट के रूप में लिया.

अगस्त में चांद पर पहुंचेगा मिशन

14 जुलाई को लॉन्च के बाद लगभग 40-45 दिनों बाद अगस्त के अंतिम सप्ताह में चंद्रयान-3 चंद्रमा के ऑर्बिट में पहुंच जाएगा. इसके बाद लैंडर-रोवर को ले जाने वाला प्रोपल्शन मॉड्यूल अलग हो जाएगा. यहां से रोवर को लेकर लैंडर धीरे-धीरे चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा. यहां रोवर लगभग दो हफ्तों तक अलग अलग सैंपल कलेक्ट करके डेटा भेजेगा जिस पर शोध किया जाएगा.


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