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Friday, 20 December, 2024
होमदेशकौन हैं अविनाश भोसले? CBI के हत्थे चढ़े पुणे के रियल एस्टेट दिग्गज की ‘सभी दलों के नेताओं से है दोस्ती’

कौन हैं अविनाश भोसले? CBI के हत्थे चढ़े पुणे के रियल एस्टेट दिग्गज की ‘सभी दलों के नेताओं से है दोस्ती’

डीएचएफएल ग्रुप और यस बैंक से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामलों में सीबीआई ने पुणे के कारोबारी अविनाश भोसले को गिरफ्तार किया है.

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मुंबई: पुणे की सड़कों पर एक बेहद शानदार चौपहिया वाहन तेज रफ्तार दौड़ता दिखे और इसकी नंबर प्लेट पर ‘0088’ लिखा हो, तो बहुत संभव है कि ये इंपोर्टेड कार व्यवसायी अविनाश भोसले के बेड़े का हिस्सा हो, जिन्होंने ‘पुणे के किंग ऑफ गुड टाइम्स’ का तमगा हासिल कर रखा है.

एबीआईएल (अविनाश भोसले इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) समूह के अध्यक्ष भोसले ने लगभग चार दशक पहले मात्र एक ऑटोरिक्शा के मालिक होने से लेकर अब तक एक लंबा सफर तय किया है. अब उनकी बेशकीमती संपत्तियों में एक हेलिकॉप्टर भी शामिल है. उनका समूह अब अचल संपत्ति के साथ-साथ, बुनियादी ढांचे के विकास और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में भी निवेश करता है.

दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) और यस बैंक से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने गुरुवार को अविनाश भोसले को गिरफ्तार कर लिया था.

2020 से ही मामले की जांच कर रही सीबीआई के मुताबिक, यस बैंक— जब उसका नेतृत्व राणा कपूर करते थे— ने 2020 में कथित तौर पर घूस लेकर डीएचएफएल को ऋण मंजूर किया था.

डीएचएफएल के प्रोमोटर वधावन बंधुओं ने कथित तौर पर यस बैंक के ऋण भुगतान में चूक से पहले मुंबई और पुणे में डेवलपर्स के माध्यम से धन की निकासी की थी.

सीबीआई के एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, ‘रेडियस ग्रुप को फंड के डायवर्जन में भोसले की संलिप्तता पाई गई है. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.’ सीबीआई ने पिछले महीने इस मामले में मुंबई स्थित रेडियस डेवलपर्स के बिल्डर संजय छाबड़िया को भी गिरफ्तार किया था.

डीएचएफएल की वित्तीय स्थिति की जांच के तहत, सीबीआई ने इस साल अप्रैल में मुंबई और पुणे में अविनाश भोसले और अन्य डेवलपर्स से जुड़े कई स्थानों पर छापे मारे थे.

पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भोसले और उनके बेटे से पूछताछ की थी. एजेंसी ने शुरू में धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के कुछ प्रावधानों के तहत उनके स्वामित्व वाली 4 करोड़ रुपये की अधिक संपत्ति अटैच करने से पहले विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के कथित उल्लंघन को लेकर उनके स्वामित्व वाली 40.34 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच कर लिया था.

सभी दलों के राजनेताओं के दोस्त माने जाने वाले भोसले महाराष्ट्र के राज्य मंत्री (एमओएस) विश्वजीत कदम के ससुर हैं, जो एक कांग्रेस नेता हैं. पुणे के एक कांग्रेस नेता ने कहा, ‘भोसले के दामाद के कांग्रेसी मंत्री होने के कारण, उनकी गिरफ्तारी ने पार्टी के भीतर कुछ चिंताएं उत्पन्न कर दी हैं.’

गौरतलब है कि पूर्व में आदर्श घोटाले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार के साथ भोसले का नाम भी सुर्खियों में आया था.

भोसले के दिवंगत भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे से कर्ज लेने की बात किसी से छिपी नहीं है और पुणे के व्यवसायी द्वारा एक से अधिक मौकों पर महाबलेश्वर स्थित अपने बंगले में ठाकरे परिवार की मेजबानी किया जाना भी सुर्खियों में रहा है.

2007 में राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने लंदन से लौटते समय उन्हें 50 लाख रुपये की कस्टम ड्यूटी की कथित चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था लेकिन बाद में एक नाइट मजिस्ट्रेट ने उन्हें जमानत दे दी.

भोसले के फर्श से अर्श पर पहुंचने और राज्य की सत्ता से जुड़े अभिजात वर्ग के बीच प्रभाव कायम करने की एक लंबी कहानी है.


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एबीआईएल और उसके राजनीतिक रिश्ते

उनके खुद के बयानों के मुताबिक, भोसले का राजनीतिक नेटवर्क तब फला-फूला जब भाजपा के अनिल शिरोले ने उन्हें पार्टी के दिग्गज नेता गोपीनाथ मुंडे से मिलवाया था.

जैसा भोसले ने 2011 में एक स्थानीय मराठी डेवलपर्स के निकाय के एक सम्मान समारोह के दौरान बताया था, मुंडे ने उन्हें व्यवसाय के लिए कुछ कर्ज दिया था जिसे बाद में उन्होंने ब्याज के साथ चुकाया.

पुणे के एक कांग्रेस नेता ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, ‘वह (गोपीनाथ) मुंडे के बहुत करीबी रहे हैं और कहा जाता है कि मुंडे ने ही भोसले को सरकारी संपर्कों की दुनिया से परिचित कराया था. राजनीतिक गलियारों में ये किस्से काफी चर्चित हैं कि भोसले कैसे बालासाहेब ठाकरे को इधर-उधर घुमाने ले जाते थे, जब शिवसेना के संस्थापक पुणे आते थे.’

1995 में जब मनोहर जोशी मुख्यमंत्री बने और शिवसेना-भाजपा सरकार सत्ता में आई तो करीब दो दशक पहले 1979 में एबीआईएल समूह शुरू करने वाले भोसले को कई सरकारी अनुबंध मिले, खासकर सिंचाई क्षेत्र में.

एबीआईएल को मिले कुछ सिंचाई ठेके 2012 में उस समय सुर्खियों में आए जब ठेकेदारों को अग्रिम भुगतान के तौर पर ‘घूस’ देने के आरोप लगे. उस समय कांग्रेस-एनसीपी की सरकार थी और अजीत पवार सिंचाई विभाग का जिम्मा संभाल रहे थे. एनसीपी ने उस समय भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार किया था.

एबीआईएल को राज्य और केंद्र से हासिल अनुबंधों में मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे के कुछ हिस्से और बेंगलुरू और होसुर के बीच एक पैच शामिल है. एबीआईएल की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, समूह ने कोयना और पूर्णा बांध परियोजनाओं के अलावा कोच्चि और बेंगलुरू में मेट्रो प्रोजेक्ट के कुछ हिस्सों पर भी काम किया है.

2009 में भोसले ने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे और उनके बेटे उद्धव की महाबलेश्वर स्थित अपने फोर ओक्स बंगले में कुछ समय छुट्टी बिताने के दौरान मेजबानी की. 2017 में उद्धव ठाकरे का एक सप्ताहांत फोर ओक्स में बिताना सुर्खियों में रहा जब राज्य के पर्यावरण विभाग— जिसकी जिम्मेदारी उस समय शिवसेना के रामदास कदम संभाल रहे थे—ने कथित तौर पर ध्वनि प्रदूषण को लेकर भोसले के बंगले के बगल वाले एक रिसॉर्ट के खिलाफ कार्रवाई की.

मौजूदा डिप्टी सीएम अजीत पवार के साथ भोसले के संबंध उस समय भी सुर्खियों में रहे थे जब पवार के साथ ही उनका नाम आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले में सामने आया. मुंबई के कोलाबा में आदर्श हाउसिंग सोसाइटी 1999 की कारगिल जंग के नायकों और शहीदों की विधवाओं के लिए बनाया गया एक आलीशान 31-मंजिला अपार्टमेंट परिसर है. लेकिन इस परिसर के फ्लैट कथित तौर पर नौकरशाहों और राजनेताओं के रिश्तेदारों को दे दिए गए थे.

इस मामले में दायर एक जनहित याचिका में आरोप लगाया गया कि अजीत पवार की पत्नी सुनीता पवार का पता वही था जो भोसले के पिता निवृति भोसले का था, जो आदर्श हाउसिंग सोसाइटी योजना के लाभार्थी भी थे. भोसले ने बाद में स्पष्ट किया कि उनके परिवार ने पुणे स्थित अपना बंगला, जिजाई, पवार परिवार को बेच दिया था.


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भोसले एक मिथक

मीडिया की चकाचौंध से दूर रहने वाले इस डेवलपर ने 2011 में एक कार्यक्रम के दौरान अपने अमीर बनने की कहानी विस्तार से सुनाई थी.

भोसले ने कहा कि 12वीं कक्षा पास करने में हाथ लगी नाकामी ने उन्हें महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के संगमनेर स्थित अपना घर छोड़ने और कुछ बनने की तलाश में पुणे जाने के लिए प्रेरित किया. बाद में पुणे में उन्होंने कर्ज लेकर एक ऑटोरिक्शा खरीदा और इसे ड्राइवरों को किराए पर दिया.

इसके बाद, जल्द ही वह दो और ऑटोरिक्शा खरीदने में सक्षम हो गया और अंततः एक डेवलपर से प्रेरित होकर रियल एस्टेट क्षेत्र में प्रवेश के लिए पर्याप्त पूंजी जुटाई.

आज, अविनाश भोसले के एबीआईएल समूह को अकेले पुणे में 7.8 मिलियन वर्ग फुट से अधिक आवासीय और वाणिज्यिक संपत्ति के विकास का श्रेय जाता है. इसने मुंबई में सेंट रेजिस, वागाटोर में डब्ल्यू गोवा और नागपुर में ली मेरिडियन जैसे कई अपस्केल होटल विकसित करने में भी मदद की है. 2018 में इस समूह ने लंदन के ट्राफलगर स्क्वायर में 900 करोड़ रुपये में एक पूरी व्यावसायिक इमारत खरीदी है.

पुणे के एक डेवलपर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘अविनाश भोसले और उनकी पत्नी दोनों ही बातचीत करने में काफी विनम्र हैं, खासकर उन लोगों के साथ जो उनके परिचित हैं. वे अक्सर अपने दोस्तों को महाबलेश्वर स्थित अपने बंगले में ले जाते हैं और गोवा में अपने दोस्तों के जन्मदिन के लिए पार्टियों का आयोजन भी करते हैं.’

डेवलपर ने आगे कहा कि हालांकि, पुणे में अपने अच्छे-खासे रियल एस्टेट कारोबार के बावजूद भोसले की ‘आमतौर पर क्रेडाई (रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) जैसे रियल एस्टेट अंब्रेला ऑर्गेनाइजेशन में ज्यादा भागीदारी नहीं है.’

भोसले के पास पुणे के बनेर में एक विशाल बंगला है, जिसमें हेलीपैड भी बना है और उनकी जीवनशैली बहुत ही आलीशान है. 2006 में, उन्होंने हॉलीवुड अभिनेता ब्रैड पिट और एंजेलिना जोली के लिए एक पार्टी की मेजबानी की, जब वे ए माइटी हार्ट की शूटिंग के लिए पुणे आए थे.

(अनन्या भारद्वाज के इनपुट के साथ)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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